सवाल: संस्कृत
श्लोकों का हिन्दी में सरलतम तरीके से अनुवाद कैसे किया जा सकता है ?
जवाब: सर्वप्रथम श्लोक के बड़े शब्दों का सन्धि विच्छेद करवाए तथा सामासिक शब्दों का समास विग्रह करवाए । तत्त्पश्चात् श्लोक का अन्वय करवाए, शब्दार्थ ज्ञात करवा के फिर श्लोक का अनुवाद करवाए ।विद्यार्थियों को इस प्रकिया का निरंतर अभ्यास करवाइए जिससे बच्चे स्वंय अनुवाद करना सीख जायेंगे | सवाल: बच्चों को धातु रुप सिखाने के लिए किस विधा का प्रयोग किया जाना चाहिए ? जवाब: संस्कृत में बच्चों को धातु रुप सिखाने की सरलतम विधा यह है कि सबसे पहले हम बच्चों को तिङ् प्रत्यय सिखाएंगे जो सभी लकारों में लगाए जाते है | उदाहरणतया- लट् लकार में अति, अतः, अन्ति । असि, अथः, अथ । आमि, आव, आमः और साथ ही तीनों पुरुषों में जो धातु रुपों में समानताएं रहती है, उसके बारें में विद्यार्थियों को बता देना चाहिए । जिससे विद्यार्थियों को संस्कृत में धातु रुप याद करने मे आसानी होगी ।
जवाब: सर्वप्रथम श्लोक के बड़े शब्दों का सन्धि विच्छेद करवाए तथा सामासिक शब्दों का समास विग्रह करवाए । तत्त्पश्चात् श्लोक का अन्वय करवाए, शब्दार्थ ज्ञात करवा के फिर श्लोक का अनुवाद करवाए ।विद्यार्थियों को इस प्रकिया का निरंतर अभ्यास करवाइए जिससे बच्चे स्वंय अनुवाद करना सीख जायेंगे | सवाल: बच्चों को धातु रुप सिखाने के लिए किस विधा का प्रयोग किया जाना चाहिए ? जवाब: संस्कृत में बच्चों को धातु रुप सिखाने की सरलतम विधा यह है कि सबसे पहले हम बच्चों को तिङ् प्रत्यय सिखाएंगे जो सभी लकारों में लगाए जाते है | उदाहरणतया- लट् लकार में अति, अतः, अन्ति । असि, अथः, अथ । आमि, आव, आमः और साथ ही तीनों पुरुषों में जो धातु रुपों में समानताएं रहती है, उसके बारें में विद्यार्थियों को बता देना चाहिए । जिससे विद्यार्थियों को संस्कृत में धातु रुप याद करने मे आसानी होगी ।
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