Friday, 14 April 2017

चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है(chandan hai is desh ki mati)

चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
हर शरीर मन्दिर सा पावन, हर मानव उपकारी है।
जहाँ सिंह बन गये खिलौने, गाय जहाँ मा प्यारी है।
जहाँ सवेरा शंख बजाता, लोरी गाती शाम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
जहाँ कर्म से भाग्य बदलते, श्रम निष्ठा कल्याणी है।
त्याग और तप की गाथाएँ, गाती कवि की वाणी है ॥
ज्ञान जहाँ का गंगा जल सा, निर्मल है अविराम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
इसके सैनिक समर भूमि में, गाया करते गीता हैं।
जहाँ खेत में हल के नीचे, खेला करती सीता हैं।
जीवन का आदर्श यहाँ पर, परमेश्वर का धाम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥