Friday 15 April 2022

वंदना,प्रार्थना एवं अभियान गीत

वंदना,प्रार्थना एवं अभियान गीत 

1  हे शारदे माँ 
2  
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला
3
जयति जय जय माँ सरस्वती
4
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
5
हमको  नवल उत्थान दो
6
वहशक्ति हमें दो दयानिधे
7
तू ही राम हैतू रहीम है
8
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु
9
इतनी शक्तिहमें देना दाता
10
चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है
11
हम होंगेकामयाब एक दिन
12
हिन्द देश केनिवासी सभी जन एक हैं
13
दया कर दानभक्ति का
14
हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये
15
न हो साथ कोई अकेले बढ़ो तुम

हमारा राष्ट्रगीत - वन्दे मातरम् 

हमारा राष्ट्रगान - जन गण मन


भारत का राष्ट्रगान- जन-गण-मन अधिनायक(Jan gan man adhinayak jay he )

 

जन-गण-मन अधिनायक, जय हे
भारत-भाग्य विधाता ।

पंजाब-सिंध-गुजरात-मराठा-
द्राविड़-उत्कल-बंग
विंध्य-हिमाचल-यमुना-गंगा
उच्छल-जलधि-तरंग
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभ आशिष मांगे,
गाहे तव जय गाथा
जन-गण-मंगल दायक जय हे
भारत-भाग्य विधाता।
जय हे,जय हे,जय हे,
जय जय जय जय हे!

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भारत का राष्ट्र गीत वन्दे मातरम्(vande matram)


वन्दे मातरम्वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलाम्
मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्
मातरम्।
वन्दे मातरम्,
वन्दे मातरम्,

शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम्
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां मातरम्
वन्दे मातरम्
, वन्दे मातरम्

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Thursday 14 April 2022

हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये (Hey Prabhu Aanand-Daata Gyaan Hamko Dijiye)

 हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,

शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।

लीजिये हमको शरण में, हम सदाचारी बनें,

ब्रह्मचारी धर्म-रक्षक वीर व्रत धारी बनें ।

हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,

शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।

 

निंदा किसी की हम किसी से भूल कर भी न करें,

ईर्ष्या कभी भी हम किसी से भूल कर भी न करें ।

हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,

शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।

 

सत्य बोलें, झूठ त्यागें, मेल आपस में करें,

दिव्या जीवन हो हमारा, यश तेरा गाया करें ।

हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,

शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।

 

जाये हमारी आयु हे प्रभु लोक के उपकार में,

हाथ डालें हम कभी न भूल कर अपकार में ।

हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,

शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।

 

कीजिए हम पर कृपा ऐसी हे परमात्मा,

मोह मद मत्सर रहित होवे हमारी आत्मा ।

हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,

शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।

 

प्रेम से हम गुरु जनों की नित्य ही सेवा करें,

प्रेम से हम संस्कृति की नित्य ही सेवा करें ।

हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,

शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।

 

योग विद्या ब्रह्म विद्या हो अधिक प्यारी हमें,

ब्रह्म निष्ठा प्राप्त कर के सर्व हितकारी बनें ।

हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,

शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।

 

हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,

शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।

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दया कर दान भक्ति का (daya kar daan bhakti ka)

 भारत स्काउट एवं गाइड प्रार्थना 

दया कर दान भक्ति का,
हमें परमात्मा देना,
दया करना हमारी आत्मा को,शुद्धता देना ।

हमारे ध्यान में आओ,
प्रभु आँखों में बस जाओ,
अँधेरे दिल में आकर के,
परम ज्योति जगा देना ।

दया कर दान भक्ति का
,
हमें परमात्मा देना ।

बहा दो प्रेम की गंगा,
दिलों में प्रेम का सागर,
हमें आपस में मिल-जुल के,
प्रभु रहना सीखा देना ।

दया कर दान भक्ति का,
हमें परमात्मा देना ।

हमारा धर्म हो सेवा,
हमारा कर्म हो सेवा,
सदा ईमान हो सेवा,
व सेवक जन बना देना ।

दया कर दान भक्ति का,
हमें परमात्मा देना ।
वतन के वास्ते जीना
,
वतन के वास्ते मरना,
वतन पर जाँ फिदा करना,
प्रभु हमको सीखा देना ।

दया कर दान भक्ति का,
हमें परमात्मा देना,
दया करना हमारी आत्मा को,शुद्धता देना ।

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हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं (Hind Desh Ke Niwasi sabhi jan ek hain)

हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं ।
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं
,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं ।
बेला गुलाब जूही चम्पा चमेली
,
बेला गुलाब जूही चम्पा चमेली
,
प्यारे-प्यारे फूल गूंथे माला में एक हैं ।

हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं
,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं ।

कोयल की कूक न्यारी पपीहे की टेर प्यारी,
कोयल की कूक न्यारी पपीहे की टेर प्यारी
,
गा रही तराना बुलबुल राग मगर एक है ।
गा रही तराना बुलबुल राग मगर एक है ।

हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं
,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं ।

गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र कृष्णा कावेरी
,
गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र कृष्णा कावेरी
,
जाके मिल गयी सागर में हुई सब एक हैं ।
जाके मिल गयी सागर में हुई सब एक हैं ।

हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं
,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं ।
 

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हम होंगे कामयाब एक दिन (Hum Honge Kamyab Ek Din)

हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन


हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन

होगी शान्ति चारों
होगी शान्ति चारों ओर
होगी शान्ति चारों ओर एक दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
होगी शान्ति चारों ओर एक दिन

हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन

हम चलेंगे साथ साथ
डाले हाथों में हाथ
हम चलेंगे साथ साथ एक दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम चलेंगे साथ साथ एक दिन

हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन

नहीं डर किसी का आज
नहीं भय किसी का आज
नहीं डर किसी का आज के दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
नहीं डर किसी का आज के दिन

हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन

हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन

हो हो मन में है विश्वास
पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन

 

अनुवाद -गिरिजा कुमार माथुर 

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चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है(chandan hai is desh ki mati)


चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
हर शरीर मन्दिर सा पावन, हर मानव उपकारी है।
जहाँ सिंह बन गये खिलौने, गाय जहाँ मा प्यारी है।
जहाँ सवेरा शंख बजाता, लोरी गाती शाम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥

जहाँ कर्म से भाग्य बदलते, श्रम निष्ठा कल्याणी है।
त्याग और तप की गाथाएँ, गाती कवि की वाणी है ॥
ज्ञान जहाँ का गंगा जल सा, निर्मल है अविराम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥

जिसके सैनिक समर भूमि में, गाया करते गीता हैं।
जहाँ खेत में हल के नीचे, खेला करती सीता हैं।
जीवन का आदर्श यहाँ पर, परमेश्वर का धाम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥
चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ॥

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वह शक्ति हमें दो दयानिधे(Wah Shakti Hame do Dayanidhe)

वह शक्ति हमें दो दयानिधे, कर्तव्य मार्ग पर डट जावें।
पर सेवा पर उपकार में हम, जग जीवन सफल बना जावें।
हम दीन दुखी निबलों विकलों के सेवक बन संताप हरे।
जो हैं अटके भूले भटके, उनको तारें खुद तर जावें।

छल दम्भ द्वेष पाखण्ड झूठ-अन्याय से निशि दिन दूर रहे।
जीवन हो शुद्ध सरल अपना
, सुचि प्रेम सुधारस बरसावें।
वह शक्ति हमें दो दयानिधे
, कर्तव्य मार्ग पर डट जावें।
पर सेवा पर उपकार में हम
, जग जीवन सफल बना जावें।

निज आन मान मर्यादा का
, प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे।
जिस देश भूमि में जन्म लिया
, बलिदान उसी पर हो जावें।
वह शक्ति हमें दो दयानिधे
, कर्तव्य मार्ग पर डट जावें।
पर सेवा पर उपकार में हम
, जग जीवन सफल बना जावें।



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सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु(Subah Savere Lekar Tera Naam Prabhu)

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु
,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।

शुद्ध भाव से तेरा ध्यान लगाएं हम
,
विद्या का वरदान तुम्हीं से पाए हम ।
शुद्ध भाव से तेरा ध्यान लगाएं हम
,
विद्या का वरदान तुम्हीं से पाए हम ।
हाँ
, विद्या का वरदान तुम्हीं से पाए हम ।
तुम्ही से है आगाज़ तुम्हीं से अंजाम प्रभु
,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु ।

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु
,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।

गुरुओं का सत्कार कभी न भूले हम
,
इतना बनें महान गगन को छु ले हम ।
गुरुओं का सत्कार कभी न भूले हम
,
इतना बनें महान गगन को छु ले हम ।
हाँ
, इतना बनें महान गगन को छु ले हम ।
तुम्हीं से है हर सुबह तुम्ही से शाम प्रभु
,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु ।

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु
,
करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।

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तू ही राम है तू रहीम है(tu hi ram hai tu rahim hai )

तू ही राम है तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईशू मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा!

तू ही राम है तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तेरी जात पाक कुरान में,
तेरा दर्श वेद पुराण में,
गुरु ग्रन्थ जी के बखान में,
तू प्रकाश अपना दिखा रहा!

तू ही राम है तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईशू मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा,
अरदास है, कहीं कीर्तन,
कहीं राम धुन, कहीं आव्हन,
विधि भेद का है ये सब रचन,
तेरा भक्त तुझको बुला रहा!

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इतनी शक्ति हमें देना दाता (Itni Shakti Hamein Dena Data )

इतनी शक्ति हमें देना दाता,
मन का विश्वास कमजोर हो ना।
हम चले नेक रस्ते पे हमसे,
भूलकर भी कोई भूल हो ना।

दूर अज्ञान के हो अंधेरे,
तू हमें ज्ञान की रोशनी दे।
हर बुराई से बचते रहें हम,
जितनी भी दे भली ज़िन्दगी दे।
बैर हो ना किसी का किसी से,
भावना मन में बदले की हो ना।
हम चले नेक रस्ते पे हमसे,
भूलकर भी कोई भूल हो ना।

हम ना सोचें हमें क्या मिला है,
हम ये सोचे किया क्या है अर्पण।
फूल खुशियों के बाँटे सभी को,
सब का जीवन ही बन जाए मधुबन।
अपनी करुणा का जल तू बहा के,
कर दे पावन हर एक मन का कोना।
हम चले नेक रस्ते पे,
हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना।।

इतनी शक्ति हमें देना दाता,
मन का विश्वास कमजोर हो ना।
हम चले नेक रस्ते पे हमसे,
भूलकर भी कोई भूल हो ना।

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हमको नवल उत्थान दो(HUMKO Naval Utthan Do, Maa Saraswati Vardan Do)

हमको नवल उत्थान दो, माँ शारदे वरदान दो।
माँ शारदे हंसासिनी, वागीश वीणा वादिनी।
हमको अगम स्वर ज्ञान दो माँ शारदे  वरदान दो।। 

निष्काम मन हो कामना मेरी सफल हो साधना ।
नवगीत नव लय ताल दो माँ सरस्वती वरदान दो।।
मन,बुद्धि,हृदय पवित्र हो मेरा महान चरित्र हो।
विद्या विनय का ज्ञान दो माँ 
शारदे  वरदान दो।।

हमको नवल उत्थान दो, माँ शारदे वरदान दो।

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हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी(Hey Hans Vahini Gyan Dayini)

हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी

अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
जग सिरमौर बनाएं भारत,
वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी...

साहस शील हृदय में भर दे,
जीवन त्याग-तपोमर कर दे,
संयम सत्य स्नेह का वर दे,
स्वाभिमान भर दे। स्वाभिमान भर दे॥1॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी...

लव, कुश, ध्रुव, प्रहलाद बनें हम
मानवता का त्रास हरें हम,
सीता, सावित्री, दुर्गा मां,
फिर घर-घर भर दे। फिर घर-घर भर दे॥2॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥

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जयति जय जय माँ सरस्वती(Jayati Jay Jay Maa Saraswati)

जयति जय जय माँ सरस्वती जयति वीणा धारिणी ॥
जयति पद्मासीन माता जयति शुभ वरदायिनी ॥
जगत का कल्याण कर माँ तुम हो विद्या दायिनी ॥

कमल आसन छोड़ दे माँ देख जग की दुर्दशा ॥
शांति की सरिता बहा दे फिर से जग में भारती ॥
जयति जय जय माँ सरस्वती जयति वीणा धारिणी ॥


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या कुन्देन्दुतुषारहारधवला (Ya Kundendu Tusharahara Dhavala )

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा (श्लोक 1)

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्वयापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम् ।।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवती बुद्धिप्रदां शारदाम् ।।  
(श्लोक )2



अर्थ -
जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली मां सरस्वती हमारी रक्षा करें.

शुक्लवर्ण वाली, संपूर्ण चराचर जगत्‌ में व्याप्त, आदिशक्ति, परब्रह्म के विषय में किए गए विचार एवं चिंतन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, सभी भयों से भयदान देने वाली, अज्ञान के अंधेरे को मिटाने वाली, हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली और पद्मासन पर विराजमान बुद्धि प्रदान करने वाली, सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलंकृत, भगवती शारदा (सरस्वती देवी) की मैं वंदना करता या करती हूं।


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