सर्वप्रथम 1968 में नई शिक्षा नीति बनाई गई थी उसके बाद 1986 में बनाई गई जिसके बाद नई शिक्षा नीति को 1992 में संशोधित किया गया। लगभग 34 साल बाद 2021 में पुनः नई शिक्षा नीति को लेकर अहम बदलाव किए गए हैं। जिसमे शिक्षा सम्बन्धित बहुत से नियमों में बदलाव किया गया है। वही हाल ही में मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय ने शिक्षा नीति में बदलाव के साथ साथ अपने मंत्रालय का नाम भी बदल दिया है, मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय को अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा। National education policy तहत शिक्षकों के लिए व्यवसायिक विकास को जरुरी कर दिया गया है और शिक्षकों के लिए सर्विस ट्रेनिंग का आयोजन भी किया जाएगा जिसमे शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जायेगी। आइए जानते हैं, नेशनल एजुकेशन पालिस क्या है, New Education Policy PDF (NEP) कैसे डाउनलोड की जा सकती हैं आदि लेख में दिया जा रहा है।
यह लेख https://hindi.nvshq.org/ वेबसाईट से साभार लिया गया है और इसका उद्देश्य नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों को सब तक पहुचाना है.
नेशनल एजुकेशन पालिसी 2021 का उद्देश्य
नई राष्ट्रीय एजुकेशन नीति का मुख्य उद्देश्य भारत को वैश्विक स्तर पर शैक्षिक रूप से महाशक्ति बनाना तथा भारत में शिक्षा का सार्वभौमीकरण कर शिक्षा की गुणवत्ता को उच्च करना है।
नई शिक्षा नीति क्या है?
नई शिक्षा नीति 2021 के तहत 2030 तक शैक्षिक प्रणाली को निश्चित किया गया है और वर्तमान में चल रही 10 + 2 के मॉडल के स्थान पर पाठ्यक्रम में 5 + 3 + 3 + 4 की शैक्षिक प्रणाली के आधार पर पाठ्यक्रम को विभाजित किया जाएगा। नई शिक्षा नीति 2021 के लिए केंद्र तथा राज्य सरकार के निवेश का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है जिसमें केंद्र तथा राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र सहयोग के लिए देश की 6% जीडीपी के बराबर शिक्षा क्षेत्र में निवेश करेगी।
नई शिक्षा नीति के उद्देश्य
नई शिक्षा नीति का उद्देश्य शैक्षिक क्षेत्र में भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाना है और भारत के लिए नई शैक्षिक नीतियां के माध्यम से संपूर्ण भारत में शिक्षा का उचित स्तर प्रदान करना है जिससे शैक्षिक क्षेत्र की गुणवत्ता उच्च हो सके। भारत में बच्चों को तकनीकी तथा रचनात्मकता के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता का महत्व से अवगत कराना नई शिक्षा नीति का उद्देश्य है जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके। शिक्षा में गुणवक्ता लाने के लिए यह केंद्र सरकार के तहत नई शिक्षा नीति को शुरू किया गया है।
National Education Policy 2021 की विशेषताएं
- नई शिक्षा नीति स्वतंत्र भारत के तीसरी शिक्षा नीति है जिसमें बुनियादी तौर पर बदलाव किए गए हैं।
- नई शिक्षा नीति के तहत शैक्षिक क्षेत्र को तकनीकी से भी जोड़ा जाएगा जिसमें सभी स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा डिजिटल एक्यूमेंट दिए जाएंगे।
- नई शिक्षा नीति में सभी प्रकार की शैक्षिक विषय वस्तु को प्रमुखता उस क्षेत्र की क्षेत्रीय भाषा में भी ट्रांसलेट किया जाएगा जिससे शैक्षिक क्षेत्र में क्षेत्रीय भाषा को बढ़ावा मिल सके ।
- छठवीं कक्षा से बच्चों को व्यवसायिक परीक्षण इंटर्नशिप दे दी जाएगी।
- नई शिक्षा नीति के भीतर अब पढ़ाई में कई प्रकार के अन्य विकल्प बच्चों को दिए जाएंगे। अब दसवीं कक्षा में अन्य विकल्पों को भी रखा जाएगा जिसमें छात्र कोई स्ट्रीम ना चुनकर अपनी इच्छा अनुसार विषयों को चुन सकेगा।
- नई शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्रों को छठवीं कक्षा से ही कोडिंग सिखाई जाएगी।
- शैक्षिक क्षेत्र में वर्चुअल लैब को भी बनाया जाएगा जिससे शैक्षिक क्षेत्रों की गुणवत्ता को उच्च किया जा सके।
- नई शिक्षा नीति के तहत वर्षों से चली आ रही 10 + 2 के शैक्षिक पैटर्न को बदलकर 5+3+3+4 के नए शैक्षिक पैटर्न को चुना गया है जिसमें 3 साल की फ्री New Education Policy PDF (NEP) नेशनल एजुकेशन पालिसी 2021 – नई शिक्षा नीति | National education policyस्कूली शिक्षा बच्चों को दी जाएगी।
- नई शिक्षा नीति के भीतर शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा जिसमें कुछ शैक्षिक क्षेत्रों को शामिल नहीं किया गया है जैसे मेडिकल तथा लाॅ।
नई शिक्षा नीति 2021 के मुख्य तथ्य
- नई शिक्षा नीति के माध्यम से एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट का गठन किया जाएगा जिसमें छात्रों द्वारा परीक्षा में प्राप्त किए गए क्रेडिट को डिजिटल अकैडमी क्रेडिट बनाया जाएगा और विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों के माध्यम से इन क्रेडिट को संग्रहित कर छात्र के अंतिम वर्ष की डिग्री में स्थानांतरित करके सभी क्रेडिट को एक साथ जोड़ा जाएगा।
- नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 के अंतर्गत शैक्षिक पाठ्यक्रम को लचीला बनाए जाने की हर संभव कोशिश की जा रही है । यदि कोई छात्र किसी शैक्षिक कोर्स में रुझान ना रखने के कारण उस शैक्षिक कोर्स के बीच में दूसरा कोर्स पढ़ना चाहता है तो वह अपने पहले कोर्स से निश्चित समय अवधि तक रुक कर दूसरा कोर्स ज्वाइन कर सकता है।
- नई शिक्षा नीति के तहत 2030 तक हर जिले में उच्च शिक्षा संस्थान का निर्माण किया जाना नई शिक्षा नीति के भीतर सम्मिलित है।
- नई शिक्षा नीति के भीतर 2040 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को बहू विषयक शैक्षिक पाठ्यक्रम संस्थान बनाने का उद्देश्य रखा गया है।
- नई शिक्षा नीति के भीतर स्नातक कोर्स को 3 से 4 साल तक बढ़ा जा सकता है जिसमें छात्रों को बहु विकल्प प्रदान किए जाएंगे। इन सभी बहु विकल्पों के उचित प्रमाण पत्र के अनुसार छात्रों को डिग्री दी जाएगी। उदाहरण यदि कोई छात्र 1 साल के लिए स्नातक कोर्स की पढ़ाई करता है तो उसे केवल एक साल की पढ़ाई का ही प्रमाण पत्र दिया जाएगा और 2 साल बाद उसे एडवांस डिप्लोमा का प्रमाण पत्र दिया जाएगा और 3 साल बाद उचित प्रमाणों के आधार पर उसे डिग्री दी जाएगी अंत में 4 साल के बाद छात्र को बैचलर डिग्री के साथ-साथ रिसर्च की डिग्री भी दी जाएगी।
- राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी सभी उच्च शिक्षा संस्थानों मैं छात्रों के प्रवेश के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा को आयोजित करेगी जिससे शिक्षा का स्तर बनाया जा सके।
- नई शिक्षा नीति के तहत सरकारी तथा प्राइवेट संस्थानों को एक समान माना जाएगा।
- नई शिक्षा नीति के तहत भारतीय उच्च शिक्षा आयोग को 4 वर्टिकल दिए गए हैं । जिसमें नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी काउंसिल , हायर एजुकेशनल काउंसिल , जर्नल एजुकेशन काउंसिल तथा नेशनल एक्रीडिटेशन काउंसिल को रखा गया है।
- ई लर्निंग पर जोर देना ताकि किताबों पर निर्भरता कम हो सके।
- नई शिक्षा नीति के माध्यम से दिव्यांग जनों के लिए शैक्षिक पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है।
न्यू एजुकेशन पालिसी 2021 के लाभनेशनल एजुकेशन पालिसी 2021 के माध्यम से लाभार्थियों को कौन-कौन से लाभ प्रदान किये जाएंगे। उन सभी लाभों की सूची लेख में नीचे दी जा रही है। New Education Policy लाभों की पूरी जानकारी नीचे दी गयी सूची से प्राप्त कर सकते हैं।
- नई शिक्षा नीति के माध्यम से शैक्षिक क्षेत्र में तकनीकी को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- नई शिक्षा नीति के माध्यम से शैक्षिक पाठ्यक्रम में भाषाओं को लेकर कई विकल्प रखे गए हैं। यदि शैक्षिक पाठ्यक्रम में कोई छात्र अपनी क्षेत्रीय भाषा अथवा मातृभाषा को पढ़ना चाहता है तो वह आसानी से उन्हें पड़ सकता है। वही इस शैक्षिक पाठ्यक्रम में भारतीय प्राचीन भाषाओं को पढ़ने का भी विकल्प छात्रों के समक्ष रखा गया है।
- नई शिक्षा नीति में 2025 तक प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा तीन तक के सभी छात्रों के लिए संख्यात्मक ज्ञान तथा साक्षरता को प्राप्त करने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन की योजना तैयार की जाएगी।
- स्वास्थ्य नीति के तहत छात्रों के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाएगा जिसके साथ छात्रों के लिए स्वास्थ्य कार्ड भी बनाये जाएंगे।
- नई शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षकों को समय-समय पर उनके कार्य प्रदर्शन के आधार पर पदोन्नति को भी रखा गया है।
- नई शिक्षा नीति में 2030 तक अध्यापन के लिए b.ed की डिग्री को 4 वर्ष की न्यूनतम डिग्री योग्यता में सम्मिलित कर दिया गया है । यानी 2030 तक b.ed का कोर्स 4 साल का हो चुका है।
- नई शिक्षा नीति के भीतर हायर एजुकेशन से संबंधित एमफिल की डिग्री को भी खत्म किया जा रहा है।
- राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद वर्ष 2022 तक शिक्षकों के लिए व्यवसायिक मानक को विकसित करेगी तथा एनसीईआरटी के परामर्श पर अध्यापकों की शिक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक पाठ्यक्रम की चर्चा की विषय वस्तु को भी तैयार किया जाएगा।
- छात्रों को जिस क्षेत्र में अधिक रूचि है जैसे – खेल, कला, बॉक्सिंग, आदि में छात्रों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- नई शिक्षा नीति में शैक्षिक पाठ्यक्रम के साथ-साथ उनके कौशल पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा वही मेन सिलेबस में भी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को शामिल किया जा रहा है।
- छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए हर संभव कोशिश नई शिक्षा नीति में की गई है । जिसमें पढ़ाई को आसान बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल शैक्षिक पाठ्यक्रम में किया जाएगा।
- छात्रों पर बोर्ड परीक्षाओं का बोझ कम करने के लिए बोर्ड परीक्षाओं की रूपरेखा को भी बदला जाएगा जिसमें 1 साल में दो बार छात्रों की परीक्षाएं की जाएंगी।
- छात्रों को ऑफलाइन कक्षाओं के साथ ऑनलाइन माध्यम से भी पाठ्यक्रम/ कोर्स उपलब्ध करवाए जाएंगे।
- महाविद्यालयों की स्वायत्ता 15 वर्षों में समाप्त हो जाएगी तथा क्रमिक सहायता प्रदान करने के लिए एक चरणबद्ध प्रणाली की स्थापना भी की जाएगी।
- देश के बड़े संस्थान जैसे आईआईटी और आईआईएम के लिए वैश्विक स्तर पर मानकों हेतु बहु विषयक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय की स्थापना भी नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कराई जाएगी।
- वहीं कानूनी तथा चिकित्सा क्षेत्र को छोड़कर उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक कल निकाय के रूप में भारतीय उच्च शिक्षा आयोग का गठन किया जाएगा।
- शैक्षिक पाठ्यक्रम का मूल्यांकन करने तथा उसे तकनीकी माध्यम से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच की एक स्वायत्त निकाय की स्थापना की जाएगी जिससेशिक्षा तथा प्रशासनिक क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से विचारों का आदान प्रदान संभव हो सके।
नेशनल एजुकेशन पालिसी 2021 के चरण
नई शिक्षा नीति के चरणों को 4 चरणों में विभाजित किया गया है। पुरानी शिक्षा नीति के 10+2 के फार्मूले को समाप्त करने के बाद सरकार नई शिक्षा नीति को 5+3+3+4 के फार्मूले में लागू करने जा रही है। इस नए फार्मूले के नए पैटर्न में 3 साल की फ्री स्कूली शिक्षा को तथा 12 साल की स्कूली शिक्षा सम्मिलित की गई है। इस फार्मूले को सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों को फॉलो करना अनिवार्य किया गया है। आइए जानते हैं नई शिक्षा नीति के नए फार्मूले के चार चरणों को …!
फाउंडेशन स्टेज :- नई शिक्षा नीति के फाउंडेशन स्टेज में 3 से 8 साल तक के बच्चों को सम्मिलित किया गया है। जिसमें 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा को सम्मिलित किया गया है जिसके अंतर्गत छात्रों का भाषा कौशल तथा शैक्षिक स्तर का मूल्यांकन किया जाएगा और उसके विकास में ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्रीपेटरी स्टेज :- इस स्टेज में 8 से 11 साल के बच्चों को सम्मिलित किया गया है जिसमें 3 से कक्षा 5 तक के बच्चे होंगे। नई शिक्षा नीति के इस स्टेज में छात्रों का संख्यात्मक कौशल को मजबूत करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा वहीं सभी बच्चों को क्षेत्रीय भाषा का भी ज्ञान दिया जाएगा।
मिडिल स्टेज :- इस स्टेज के भीतर छठवीं से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को सम्मिलित किया गया है जिसमें छठवीं कक्षा के बच्चों से से ही कोडिंग सिखाना शुरू की जाएगा । वही सभी बच्चों को व्यवसायिक परीक्षण के साथ-साथ व्यवसाय इंटर्नशिप के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे ।
सेकेंडरी स्टेज : – इस स्टेज में आठवीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के छात्रों को सम्मिलित किया गया है। इस स्टेज के भीतर आठवीं से 12वीं कक्षा के शैक्षिक पाठ्यक्रम को भी खत्म करके बहु वैकल्पिक शैक्षिक पाठ्यक्रम को शुरू किया गया है। छात्र किसी निर्धारित स्ट्रीम के भीतर नहीं बल्कि अपनी मनपसंद के अनुसार अपने विषयों को चुन सकते हैं। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत छात्रों को विषयों को चुनने को लेकर स्वतंत्रता दी गई है , छात्र साइंस के विषयों के साथ-साथ आर्ट्स या कॉमर्स के विषय को भी एक साथ पढ़ सकते हैं।नई शिक्षा नीति 2021 के अंतर्गत उठाए जाने वाले महत्वपूर्ण कदम
नई शिक्षा नीति को सुचारू रूप से चलाने के लिए शिक्षकों की भर्तियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत क्षेत्र तथा मातृ भाषाओं की पढ़ाई को भी सम्मिलित किया गया है जिसके शिक्षकों की कमी चल रही शैक्षिक पाठ्यक्रम के भीतर है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले शिक्षकों को भर्ती किया जाएगा।
माध्यमिक स्तर से ही बच्चों के पास होंगे विदेशी भाषा के कई विकल्प
नई शिक्षा नीति के भीतर माध्यमिक स्तर से ही बच्चों के पास विदेशी भाषा के कई विकल्पों को रखा जाएगा। जिसमें बच्चे माध्यमिक स्तर से ही फ्रेंच , चाइनीस , जापानीज , स्पेनिश और जर्मन आदि तमाम प्रकार की विदेशी भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। नई शिक्षा नीति के भीतर भारत की शिक्षा को वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाने के लिए इस प्रकार के प्रयासों को किया जा रहा है।
मातृभाषा तथा क्षेत्रीय भाषा को सम्मिलित किया जाएगा शैक्षिक पाठ्यक्रम में
नई शिक्षा नीति के भीतर मातृभाषा क्षेत्रीय भाषा को भी सम्मिलित किया जाएगा। 2021 की नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पांचवी कक्षा तक बच्चों को उनकी मातृभाषा अथवा क्षेत्रीय भाषा पढ़ाने का प्रावधान भी रखा गया है। जिसमें पाठ्य पुस्तकों से लेकर बोलचाल तक क्षेत्रीय भाषाओं को सम्मिलित किया जाएगा। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कक्षा एक से ही बच्चों को दो से तीन प्रकार की भाषाएं सिखाई जाने शुरू की जाएंगी ताकि शिक्षा के बोझ को कम किया जा सके और शिक्षा की गुणवत्ता हर तरह से उच्च की जा सके। यदि पाठ्य पुस्तकों को शैक्षिक भाषा में रूपांतरित किया जाता है तो छात्र उसे आसानी से समझ सकते हैं।
वोकेशनल पढ़ाई पर मुख्य जोर
नई शिक्षा नीति के भीतर वोकेशनल पढ़ाई पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है क्योंकि हमारे देश में वोकेशनल पढ़ाई करने वाले छात्रों का प्रतिशत 5 प्रतिशत से भी कम है । नई शिक्षा नीति के भीतर 2025 के अंत तक इस प्रतिशत को 50% तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें सभी छात्रों को वोकेशनल पढ़ाई कराई जाएगी। वोकेशनल पढ़ाई के भीतर बागवानी , मिट्टी के बर्तनों को बनाना , बिजली का काम और लकड़ी का काम सिखाना आदि कार्य सम्मिलित किए गए हैं। नई शिक्षा नीति के भीतर छठवीं कक्षा से आठवीं कक्षा तक छात्रों को वोकेशनल पढ़ाई कराई जाएगी।
नए कौशलों को सम्मिलित किया जाएगा शैक्षिक पाठ्यक्रम में
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के भीतर छात्रों का पढ़ाई के साथ साथ में कौशलों का विकास भी किया जाएगा। जिसमें न्यूनतम कक्षा से ही बच्चों को योग, संगीत , नृत्य , खेल और मूर्तिकला आदि विषयों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि छात्र पढ़ाई के साथ साथ अन्य प्रकार के कौशलों में भी निपुण हो पाए।नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से छात्रों के लिए निर्णय
नई शिक्षा नीति के माध्यम से बताया गया है की छात्रों के लिए होमवर्क व स्कूल बैगों का वजन कम किया जाएगा। जो छात्र 1 से 10 की कक्षा में पढ़ते हैं उनके स्कूल बैग का वजन उनके 10 % होना चाहिए। छात्रों को केवल आवश्यक पुस्तकों को ले कर ही विद्यालय जाना होगा। छात्रों के बैग का वजन चेक करने के लिए विद्यालयों में डिजिटल वेइंग मशीन लगाई जाएंगी जिसमे छात्रों के बैग का वजन चेक किया जाएगा। छात्रों को स्कूल बैग लाने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए।
National Education Policy syllabus 2021
नेशनल एजुकेशन पालिसी पाठ्यक्रम में सरकार द्वारा जो जो बदलाव किये गए हैं। उसकी जानकारी लेख में नीचे दी जा रही है। अधिक जानकारी लेख में नीचे दी जा रही है।
- कक्षा तीसरी से पांचवीं तक के छात्रों को प्रतिदिन 2 घंटे का गृह कार्य दिया जाएगा।
- कक्षा 6 से 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को 1 घंटे का होम वर्क दिया जाएगा।
- कक्षा 9 से 12 वीं तक के छात्रों को 2 घंटे का होम वर्क दिया जाएगा।
- छात्रों का बैग उनके वजन से केवल 10% अधिक होना चाहिए।
- जो छात्र एलकेजी, यूकेजी में पढ़ते हैं उन्हें कोई होम वर्क नहीं दिया जाएगा।
- इसके अलावा पहली कक्षा व दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को भी गृह कार्य नहीं दिया जाएगा।
- जब छात्रों के लिए पुस्तकों का चयन किया जाएगा उसके साथ किताबों के वजन पर भी ध्यान दिया जाएगा।
- छात्रों के लिए स्कूलों में बाथरूम व पानी की सही सुविधा होनी चाहिए।
नई शिक्षा नीति के स्ट्रीम्स 2021
नेशनल एजुकेशन पालिसी के तहत छात्रों के पाठ्यक्रम में जो-जो बदलाव किये गए जैसे- शारारिक शिक्षा व पाठ्यक्रम को बढ़ावा दिया जाएगा इसके साथ एकेडमिक स्ट्रीम और वोकेशनल को बांटा नहीं जाएगा। नयी शिक्षा नीति का उद्देश्य छात्रों की की शिक्षा का स्तर को और छात्रों की शैक्षिक क्षमता को बढ़ाना है। इसके साथ अन्य पाठ्यक्रमों को भी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत शामिल किया गया है। नई शिक्षा नीति के स्ट्रीम्स की अधिक जानकारी लेख में नीचे दी जा रही है। सभी जानकारियों को उम्मीदवार नीचे दिए गए लेख से प्राप्त कर सकते हैं।
स्ट्रीम्स का चयन
नई शिक्षा नीति के तहत के तहत अब छात्र साइंस स्ट्रीम, कॉमर्स स्ट्रीम और आर्ट्स स्ट्रीम में से तीनों स्ट्रीम की पढ़ाई कर सकते हैं अब छात्रों को एक स्ट्रीम का चयन नहीं करना पड़ेगा जिस छात्र का जिस स्ट्रीम में रूचि है वे उसकी पढ़ाई कर सकते हैं। इससे छात्रों को एक स्ट्रीम की पढ़ाई के साथ बाकी स्ट्रीमों की पढ़ाई भी कर सकते हैं।
शिक्षा के लिए मातृभाषा का प्रयोग
स्कूलों में छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षक द्वारा क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग होना चाहिए इसके माध्यम से छात्रों को समझने में आसानी होगी। नई शिक्षा नीति के माध्यम से सरकार ने निर्णय लिया की पांचवीं तक के छात्रों की पढ़ाई उनके मातृभाषा में होनी चाहिए। छात्रों को समझने में आसानी हो इसके लिए पाठ्यक्रम को भी क्षेत्रीय भाषा में बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
B.Ed अब 4 साल का किया जाएगा
नेशनल एजुकेशन पालिसी के तहत B.Ed. को 2030 तक 4 साल का कर दिया जाएगा। जिन विश्वविद्यालयों द्वारा इन नियमों का पालन नहीं किया जाएगा सरकार द्वारा उन पर कारवाई की जायेगी। और इसके साथ ऐसे विश्वविद्यालयों से कोर्स करने करने वाले छात्रों को प्राप्त डिग्री मान्य नहीं मानी जायेगी
वोकेशनल स्टडीज की शुरुआत
सरकार द्वारा बताया जा रहा है की 2025 तक देश के 50 प्रतिशत छात्रों को वोकेशनल स्टडी करवाई जायेगी। ऐसे बहुत कम छात्र हैं जो वोकेशनल स्टडी करना चाहते हैं। परन्तु इसे अधिक से अधिक छात्रों को प्रदान किया जाएगा। जिसमे ज्यादा ध्यान कक्षा छटवीं से कक्षा आठवीं के छात्रों को रखा जाएगा। और इसके अंतर्गत लकड़ी का काम, बागबानी, मिट्टी के बर्तन बनाने का काम आदि भी रखा जाएगा।
टीचरों की भर्ती
शिक्षकों की ज्यादा से ज्यादा भर्ती के लिए भी शिक्षा निति द्वारा बदलाव किया गया है जिसमे अलग-अलग भाषा के लिए शिक्षकों की भर्ती करवाई जायेगी। जिस शिक्षकों का रिटायरमेंट हो चुका है उन टीचरों को भी पुनः पढ़ाने का मौका प्रदान किया जा सकता हैं। जिससे शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार की प्राप्ति भी करवाई जायेगी।
कोरोना के कारण कम किया गया पाठ्यक्रम
कोरोना वायरस के चलते पढ़ाई में छात्रों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इन परेशानियों को देखते हुई छात्रों के लिए 30% सिलेबस को कम कर दिया गया है। छात्रों को परीक्षा में कम किये गए पाठ्यक्रम में से ही प्रश्न पूछे जाएंगे।
नेशनल एजुकेशन पालिसी 2021 से सम्बंधित प्रश्न उत्तर
नेशनल एजुकेशन पालिसी 2021 क्या है ?नेशनल एजुकेशन पालिसी 2021 को शिक्षा नीति 1986 की जगह पर लागू किया गया है। नई एजुकेशन पालिसी 2020 में 3 साल से 18 साल तक के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 के तहत रखा गया है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत 2030 तक नई शैक्षिक प्रणाली को निश्चित किया गया है और वर्तमान में चल रही 10+2 के मॉडल के स्थान पर पाठ्यक्रम में 5+3+3+4 की शैक्षिक प्रणाली के आधार पर पाठ्यक्रम को विभाजित किया जाएगा। इस नीति का विजन सभी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है।
नई शिक्षा नीति 2021 कब लागू होगी ?National Education Policy 2021 कब लागू होगी इस बारे में सरकार ने कोई भी अधिकारी बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सरकार द्वारा अधिसूचित होने के बाद नई शिक्षा नीति 2021 लागू हो जाएगी।
National Education Policy 2021 के चार चरण क्या हैं ?फाउंडेशन स्टेज,प्रीपेटरी स्टेज,मिडिल स्टेज,सेकेंडरी स्टेज नई शिक्षा नीति 2021 चार चरण क्या है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2021 की हिंदी PDF कैसे डाउनलोड करें ?नेशनल एजुकेशन पालिसी 2021 की हिंदी पीडीऍफ़ को उम्मीदवार आर्टिकल में दिए गए लिंक के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं।
नई शिक्षा नीति में किये गए बदलाव क्या-क्या हैं ?शैक्षिक पाठ्यक्रम में नए कौशलों को सम्मिलित किया जाएगा, वोकेशनल पढ़ाई पर मुख्य जोर दिया जाएगा, विदेशी भाषा सिखाई जाने पर भी जोर, मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्राप्त, आदि बदलाव किये जाते हैं
नेशनल एजुकेशन पालिसी 2021 के चरण कौन-कौन से हैं ?फाउंडेशन स्टेज के तहत नई शिक्षा नीति के फाउंडेशन स्टेज में 3 से 8 साल तक के बच्चों को सम्मिलित किया जाएगा।
मिडिल स्टेज में छठवीं से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को सम्मिलित किया जाएगा।
प्रीपेटरी स्टेज में 8 से 11 साल के बच्चों को सम्मिलित किया जाएगा।
सेकेंडरी स्टेज में आठवीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के छात्रों को सम्मिलित किया गया।क्या छात्र तीनों स्ट्रीमों की पढ़ाई कर सकते हैं ?हाँ, नई शिक्षा नीति के तहत छात्र तीन स्ट्रीम साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स में से तीनों की पढ़ाई कर सकते हैं।
कोरोना के चलते शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों के कितने प्रतिशत सिलेबस को कम कर दिया गया है ?विभाग द्वारा छात्रों के 30 प्रतिशत सिलेबस को कम कर दिया गया है।