Saturday 19 August 2017

प्रथम सत्र परीक्षा 25/08/2017 से 28/08/2017 तक

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (देवरिया) श्री उपेन्द्र कुमार के निर्देशानुसार  प्रथम सत्र की परीक्षाएं दिनांक  25/08/2017 से 28/08/2017 तक आयोजित की जाएँगी ...

Tuesday 15 August 2017

आशुतोष को गणतंत्र दिवस पर मिला जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक का सम्मान

श्री आशुतोष नाथ तिवारी को गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2017) के अवसर पर शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान हेतु, जिलाधिकारी श्रीमती अनीता श्रीवास्तव,पुलिस अधीक्षक मोहम्मद इमरान एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री राजीव यादव ने प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया ..
ज्ञातव्य हो की श्री आशुतोष नाथ तिवारी ने बेसिक शिक्षा परिषद् में नौकरी शुरू करने के 4 माह में ही यह पुरस्कार प्राप्त किया है.  शिक्षा अधिकारी श्री राजीव यादव ने कहा की यह उपलब्धि श्री आशुतोष नाथ तिवारी के शिक्षा और छात्रों के प्रति समर्पण की द्योतक है ..


            
                           







प्राथमिक विद्यालय सोनबह के समस्त अध्यापकगण एवं कर्मचारियों की तरफ से स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें

आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आइये नमन करें उन साढ़े चार लाख क्रांतिकारी वीरों को जिन्होंने हमारे इस "स्वर्णिम भविष्य" के लिए अपना वर्तमान,अपना जीवन, "वंदे मातरम" और "भारत माता की जय" के उदघोष के साथ, स्वतंत्रता की बलिवेदी में होम कर दिया.
मगर एक विचारणीय प्रश्न ये है कि हम कितने स्वतंत्र हैं,गुलाम भारत में कभी भगत सिंह, पंडित बिस्मिल और अशफाक उल्ला खान की आजादी का घोष "वंदेमातरम" "भारत माता की जय", अंग्रेजो को स्वीकार नही था इसलिए उन्हें फांसी दे दी गई..
मगर आज हम स्वतंत्र है..स्वतंत्रता की 71वी वर्षगांठ मना रहे हैं . 70 साल में अशफाक उल्ला खान का "बन्दे मातरम" साम्प्रदायिक हो चुका है, सावरकर और भगत सिंह की "भारत माता" का जयकारा विवादित हो चुका है..और "भारत तेरे टुकड़े होंगे......" के नारे वर्तमान भारत की आधुनिक बुद्धजीविता के मानदंड बन गए???
यक्ष प्रश्न ये है कि, क्या हम फिर बौद्धिक गुलामी की ओर जा रहे हैं?? क्या भारत का जनतंत्र मर रहा है?? क्या इसी भारत की कल्पना की थी फाँसी पर झूलते समय हमारे अमर बलिदानियों ने???
खैर आज ये प्रश्न या विवेचना का दिन नही,आज दिन है जश्न मनाने का,आत्मबोध का...बाधाएँ आती है, आगे भी आते रहेंगी..कलयुग के समुंद्र मंथन का समय है, विष भी निकलेगा।।। 15 अगस्त हमारे उम्मीद,विश्वास और आस्था का दिन है । विश्वगुरु भारत के प्राचीन गौरव को पुनर्स्थापित करने के संकल्प लेने का दिन है..आइये हम सब प्रण लें की अपने मूल अधिकारों के साथ, कर्तव्यों का भी निर्वहन करते हुए "विश्वगुरु भारत" की पुनर्स्थापना में अपना योगदान सुनिश्चित करेंगे...
आप सभी को एक बार पुनः स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं.
जय हिंद, भारत माता की जय..
प्राथमिक विद्यालय सोनबह के समस्त अध्यापक एवं कर्मचारियों की तरफ से स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें 
आशुतोष की कलम से