Thursday, 26 August 2021

चुनाव पाठशाला के उद्देश्य (Objective of Chunaw Pathshala)

 चुनाव पाठशाला के उद्देश्य इस प्रकार हैं-   

1 व्यवहारिक अनुभवों के जरिये लक्ष्य समूह को मतदाता पंजीकरण, चुनावी प्रक्रिया और इससे जुड़े दूसरे विषयों के बारे में जानकारी देना;

2 प्रतिभागियों को ई.वी.एम. और वी.पी.पैट, से परिचित कराना । उन्हें यह बताना कि ई.वी.एम. मजबूत व्यवस्था है और इसके जरिये चुनावी प्रक्रिया पूरी ईमानदारी से निभाई जाती है,

3. लक्ष्य समूह को उनके वोट की कीमत बताना, और वे अपने मत देने के अधिकार का बिना किसी दबाव के. पूरे भरोसे से और पूरी नैतिकता के साथ प्रयोग कर सकें, इसमें उनकी मदद करना;

4  चुनावी साक्षरता क्लब के सदस्यों की क्षमता का समाज में चुनावी साक्षरता का प्रसार करने के लिए इस्तेमाल करना;

5 उन सभी सदस्यों का मतदाता के रूप में पंजीकरण कराना, जो उपयुक्त होते हुए भी अभी तक पंजीकृत नहीं हो पाए हैं; और

6 ऐसी सोच व समझ विकसित करना कि ज्यादा से ज्यादा लोग चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी निभाएँ और नैतिक तरीके से मतदान करें। साथ ही, इस सिद्धान्त का पालन करें कि 'हर वोट महत्त्वपूर्ण और 'कोई मतदाता न छूटे |


चुनाव पाठशाला बनाने का तरीका, सदस्य और प्रतिभागी
चुनाव पाठशाला का परिचय

चुनाव पाठशाला बनाने का तरीका, सदस्य और प्रतिभागी (Members of Chunaw Pathshala)

चुनाव पाठशाला का नाम चुनाव केन्द्र के नाम पर रखा जा सकता है। इसे बूथ लेवल ऑफिसर (बी.एल.ओ.) सम्बंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक के सहयोग से बनाएँगे और वे ही इस चलाएँगे भी। बी.एल.ओ. एवं सम्बंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक की यह जिम्मेदारी होगी कि वे चुनाव पाठशाला के बारे में लोगों को जागरूक करें,लोगों को इसमें शामिल होने के लिए तैयार करें और एक ऐसी निश्चित जगह का इन्तजाम करेंजहाँ पर चुनाव पाठशाला चलाई जा सके।चुनाव पाठशाला सबके लिए खुली होगी। पर इसमें नीचे लिखे समूह शामिल होंगे -

1 भविष्य के वे मतदाताजो 14 से 17 साल की उम्र के हैं और बीच में ही स्कूल छोड़ चुके हैं

18-19 साल की उम्र के नए मतदाता

3  महिलाएँ (युवा और प्रौढ़)

वरिष्ठ नागरिक

दिव्यांग जन (अगर कोई हों)

14 साल से कम उम्र के वे बच्चेजो स्कूल नहीं जाते

क्षेत्र विशेष के अन्य समूह (उदाहरण के लिए- जनजाति के लोग)

सदस्यों का नामांकन चुनाव पाठशाला सदस्यों और सम्बंधित सरकारी कर्मचारियों के अलावा गैर राजनीतिक सी.एस. ओ. और स्वयंसेवकों की मदद से किया जाएगा। नामांकन के लिए अध्यापकोंराष्ट्रीय साक्षरता मिशन (एन.एल.एम.) के कार्यकर्ताओंक्षेत्र के मतदान केन्द्र की पंचायत या नगर निकाय के कार्यकर्ताओं (जो निर्वाचित न हों) की स्वैच्छिक मदद ली जा सकती है।

बूथ लेवल अधिकारी (बी.एल.ओ.), संयोजक/प्रधानाध्यापक  सदस्यता का रजिस्टर तैयार करेंगे। यह रजिस्टर तैयार करना जरूरी होगा। वे हर तिमाही में जिला चुनाव अधिकारी को सदस्यता के सम्बन्ध में रिपोर्ट भेजें. रजिस्टर को अद्यतन (जिसमें अब तक की सारी जानकारियाँ दी गई हों) बनाए रखा जाना चाहिए और हर तिमाही  के अन्त में इस पर बी.एल.ओ. और संयोजक द्वारा हस्ताक्षर किए जाने चाहिए। नोडल अधिकारी के रूप में बी एल ओ तैयार करना जरूरी होगा। वे हर तिमाही में जिला चुनाव अधिकारी को सदस्यता के सम्बन्ध में रिपोर्ट भेजेंगे।

5. नोडल अधिकारी के रूप में बी.एल. ओ. अपने-अपने क्षेत्र के निर्वाचन साक्षरता क्लबों के नोडल अधिकारी के रूप में काम करेंगे। चुनाव पाठशाला सदस्य निर्वाचन साक्षरता क्लब का सहयोग करेगा और उनका मार्गदर्शन करेगा। यह सदस्य निर्वाचन साक्षरता क्लब को क्रियाशील बनाने और सदस्यों का नामांकन कराने में बी.एल.ओ. की मदद भी करेगा।

6. संयोजक

बी.एल.ओ. समुदाय में से ही निर्वाचन साक्षरता क्लब के लिए संयोजक की पहचान करेंगे। राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के स्वयंसेवक शिक्षकों और प्रेरकों को इसमें वरीयता दी जा सकती है। चुनाव पाठशाला सदस्यों राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस.)नेहरू युवा केन्द्र संगठन (एन.वाई के एस) के युवा सदस्यों को इसमें बारी-बारी से संयोजक बनाया जा सकता है। इन्हें एक मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में निर्वाचन साक्षरता समूह बनाने से पहले एक काम किया जाना जरूरी हैवह है-संयोजकों की पहचान और उनका प्रशिक्षण ।

बी.एल.ओ. खुद भी पाठशाला के संयोजक के रूप में काम कर सकते हैं। यह राज्य सरकार को तय करना है कि संयोजक कोई स्वयंसेवक होगा अथवा बी.एल.ओ. स्वयं ।संयोजक को मतदाता प्रशिक्षक कहा जाएगा। मतदाता प्रशिक्षक का काम होगा-सारी गतिविधियों का अध्ययन करके उन्हें पूरी दक्षता के साथ चुनाव पाठशाला में आयोजित करना। इसके लिए प्रशिक्षक को विशेष प्रयास व तैयारी करनी होगी। प्रशिक्षक. बी.एल.ओ. की मदद से लोगों की समस्याओं और मुद्दों की पहचान करेंगे और उनकी शंकाओं का समाधान करेंगे। साथ हीप्रतिभागियों से मिलने वाले फीडबैक और सुझावों पर विचार करके उस विषय पर अपना सुझाव देंगे। मतदाता प्रशिक्षक को पंजीकरणमतदाता सूची और मतदान प्रक्रिया का अच्छा ज्ञान/जानकारी होनी चाहिए।

 

उपरोक्त चुनाव पाठशाला के दिए गए फार्मेट में जिस प्रकार के सदस्य/मतदाता  मिलते जाएँ उनके नाम रजिस्टर में जोड़ते रहें. 


चुनाव पाठशाला का परिचय
चुनाव पाठशालाऒं के उद्देश्य 

चुनाव पाठशाला का परिचय (Introduction to Chunaw Pathshala)

हमारे देश में निर्वाचन साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए निर्वाचन साक्षरता क्लब बनाए जा रहे हैं। वे क्लब हर उम्र के लोगों को चुनावी साक्षरता देने के लिए काम करेंगे। खासतौर से भविष्य के मतदाता और युवा मतदाता इसके दायरे में आएँगे। ये क्लब ऐसी गतिविधियों के जरिये निर्वाचन साक्षरता देंगे, जो रोचक और मनोरंजक होंगी। इनका निर्वाचन साक्षरता देने का तरीका व्यवहारिक अनुभवों पर आधारित होगा। यह सारा काम निष्पक्ष तरीके से तटस्थ रहकर किया जाएगा। तटस्थ यानी किसी भी पक्ष में शामिल हुए बिना । उन लोगों के लिए, जो औपचारिक शिक्षा से नहीं जुड़े हैं, मतदान केन्द्र के स्तर पर निर्वाचन साक्षरता क्लब बनाए जाएँगे। ये क्लब चुनाव पाठशाला' के रूप में बनाए जाएंगे। चुनाव पाठशाला मतदान केन्द्र के स्तर पर बनेगी, और गाँव/समुदाय के सभी सदस्यों के लिए होगी। इसमें उन युवाओं पर खास ध्यान दिया जाएगा, जिन्होंने बीच में ही स्कूली पढ़ाई छोड़ दी है। इसके साथ-साथ गाँव के दूसरे सभी वर्गों की भी इसमें भागीदारी होगी। चूंकि इसमें सभी उम्र के लोग शामिल होंगे, इसलिए यह जरूरी है कि जो भी गतिविधियों की जाएँ, आसान हों और सभी सदस्य इसमें भागीदारी निभाएँ। शहरी क्षेत्रों में भी इसका संचालन इसी तरह किया जाएगा।

चुनाव पाठशाला बनाने का तरीका, सदस्य और प्रतिभागी
चुनाव पाठशालाऒं के उद्देश्य