Thursday 20 September 2018

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नवोदय विद्यालय देवरिया के प्रधानाचार्य ने किया प्राथमिक विद्यालय बोडिया अनंत के छात्रों से संवाद

आज दिनांक 20/09/2018 को नवोदय विद्यालय देवरिया के प्रधानाचार्य श्री बीपी मिश्रा जी एवं विकास खंड बैतालपुर के सह समन्वयक श्री संजय तिवारी जी ने प्राथमिक विद्यालय बोडिया अनन्त,बैतालपुर देवरिया का निरीक्षण कर छात्र छात्राओं से संवाद किया। श्री संजय तिवारी ने प्राथमिक विद्यालय बोडिया अनंत की प्रधानाध्यापिका श्रीमती मृदुला मिश्रा एवं अन्य अध्यापको की उपस्थिति में छात्रों से संवाद कर उनके अधिगम स्तर को और उत्कृष्ट बनाने के लिए आवश्यक सुझाव दिए। प्रधानाचार्य श्री बीपी मिश्रा ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा आयोजित विज्ञान मेले में पुरस्कृत छात्र छात्रों के मॉडल को देखा और उसका डेमो छात्रों से लिया। छात्रों के डेमो से संतुष्ट श्री मिश्रा ने छात्रों को अन्य विज्ञान संबंधी नवान्वेषण एवं विज्ञान मॉडल में हर प्रकार का सहयोग एवं मार्गदर्शन की बात कही और आशीर्वाद दिया। छात्रों के सामान्य ज्ञान और अंग्रेजी ज्ञान की परख के लिए श्री मिश्रा ने राज्यों के नाम,राजधानी,जनप्रतिनिधियों के नाम समेत छात्र छात्राओं से  आंग्लभाषा में परिचय एवं अन्य प्रश्न पूछे। छात्र छात्राओं ने अंग्रेजी गीत समेत अन्य गीत,कविता,कहानी आदि विधाओं में अपना प्रदर्शन दिखाया। तत्पश्चात श्री मिश्रा ने छात्रों से संवाद में उनको माता पिता के सम्मान करने,अनुशासित रहने एवं मन लगाकर पढाने की बात कही। छात्रों के निवेदन पर प्रधानाचार्य महोदय ने छात्रों को एक प्रेरणादायक कविता  "लहरों से डरकर नौका पार नही होती" सुनाई जिसे छात्रों ने बहुत पसंद किया। इसके पश्चात छात्रों को जूते का वितरण किया। विद्यालय के संरक्षक श्री महेंद्र मल्ल ने प्रधानाचार्य और सह समन्वयक महोदय को विद्यालय आने एवं एवं छात्रों तथा अध्यापको को मार्गदर्शन देने के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानाचार्य महोदय छात्रों के प्रदर्शन से संतुष्ट दिखे और  छात्रों एवं अध्यापको को भविष्य में किसी भी प्रकार के शिक्षण संबंधी सहयोग के लिए सर्वदा उपलब्ध रहने की बात कही।

आशुतोष नाथ तिवारी
प्राथमिक विद्यालय बोडिया अनंत

विकास खंड -बैतालपुर
जनपद- देवरिया 

नवप्रवर्तन एवं नवान्वेषण प्रतियोगिता में प्राथमिक विद्यालय बोडिया अनंत के छात्र दीपक नाजिश और शिवांगी हुए पुरस्कृत

नवप्रवर्तन को बढ़ावा देने हेतु आज राजकीय इंटरमीडिएट कालेज देवरिया में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद लखनऊ के तत्वावधान में  तोड़ फोड़ जोड़ प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।कार्यक्रम का आयोजन क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र (वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला गोरखपुर) द्वारा किया गया और इसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद लखनऊ द्वारा प्रायोजित किया गया।प्रतियोगिता में नवप्रवर्तको,नवान्वेषी छात्रों को प्रस्तुति देनी थी। हालांकि ज्यादातर छात्र और मॉडल 6 से 12 के स्तर के थे। प्राथमिक विद्यालय बोडिया अनंत,बैतालपुर देवरिया के कक्षा 4 एवम कक्षा 5 के छात्रों ने अपने मॉडल को प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी। छात्रों ने नंबर काउंटिंग मशीन बाई वुडेन स्क्रैप, मैथेमेटिकल शेप्स बाई वुडेन स्क्रैप  और कैलेंडर द्वारा गिनती के मॉडल प्रस्तुत किये। देवरिया के जिलाधिकारी श्री अमित किशोर और वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला गोरखपुर के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी श्री महादेव पांडेय जी ने छात्रों के स्टाल का निरीक्षण कर उनका उत्साहवर्धन किया और  प्रमाणपत्र एवं मेमेंटो देकर छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया। इन छात्र छात्राओं के नाम शिवांगी विश्वकर्मानाजिश खातून दीपक सिंह हैं.प्रधानाध्यापिका श्रीमती मृदुला मिश्रा,सहायक अध्यापक श्री आशुतोष भूषण सिंह,सहायक अध्यापिका श्रीमती प्रियंका यादव ने छात्रों को बधाइयाँ प्रेषित की।
 इन छात्र छात्राओं के अध्यापक के रूप में मेरे लिए यह प्रसन्नता और संतुष्टि का विषय है कि छात्रों ने अपने से बड़े आयुवर्ग के लिए आयोजित की जा रही प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने का उत्साह और आत्मविश्वास दिखाया और एक दिन में खुद को तैयार किया। कार्यक्रम के पश्चात छात्र छात्राओं ने अपना प्रमाणपत्र और मेमेंटो माता पिता एवं परिवारजनों को देकर आशीर्वाद लिए। आशा है आगे भी छात्र इसी प्रकार का प्रदर्शन करते हुए अपने प्रस्तुतिकरण में और उत्कृष्टता ले आएंगे।
विशेष आभार- श्री शिखर शिवम त्रिपाठी जी जिन्होंने अपना अमूल्य समय निकाल कर बच्चों के मॉडल बनाने के कांसेप्ट को क्लियर किया।  श्री विजय श्रीवास्तव एवं श्री जय शिवचंद सर जिन्होंने छात्रों को कुछ परिवर्तनों के साथ नये मॉडल को बनाने एवं नवान्वेषण करने की प्रेरणा दी।
धन्यवाद 
आशुतोष नाथ तिवारी 
प्राथमिक विद्यालय बोडिया अनंत 
विकास खंड - बैतालपुर,जनपद देवरिया।






Tuesday 18 September 2018

एक प्रयास

परिषदीय विद्यालयों के प्राथमिक कक्षाओं (विशेषकर 1 और 2) में अध्यापको के सामने अलग अलग अधिगम स्तर के छात्रों को पढ़ाना पड़ता है। कोई बच्चा अभी पेंसिल पर सही से ग्रिप नही बना पाता तो कोई 1,2,3 तक लिख लेता है, कोई ABCD तो लिख लेता है मगर F के आगे नही लिख पाता। ऐसी स्थिति में मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि ब्लैकबोर्ड/व्हाइटबोर्ड की उपयोगिता सीमित रह जाती है क्योंकि यदि कक्षा में 30 छात्र हैं तो ब्लैकबोर्ड पर सबको एक साथ नही पढा सकते, जबकि सबका मानसिक और अधिगम का स्तर अभी अलग अलग है।
ऐसी स्थिति में अध्यापक से अपेक्षित है कि वो प्रत्येक बच्चे को प्रत्येक विषय में उसकी कॉपी पर उसके स्तर के अनुसार कक्षा कार्य और गृह कार्य दे। ऐसी स्थिति में परिषदीय विद्यालय के अध्यापक दो प्रमुख समस्याएं पाते हैं।

1- बच्चा 6 कार्यदिवस में तीन चार अलग अलग कापियां ले आता है। कभी नई ले आएगा, कभी फटी हुई कोई कॉपी,कभी अपने बड़े भाई बहन की कॉपी...

2- जो बच्चे नियमित नही आते( इसके कारणों पर विमर्श बाद में करेंगे)  वो जब 5-7 दिन बाद अचानक स्कूल आते हैं तो उनकी कापियाँ वो नही होती जिसपर आप ने पढ़ाया है, वो अलग होती हैं जिससे अध्यापक को याद नही रहता की पिछली बार क्या पढ़ाया था और ऐसे बच्चे पूरे साल  क ख ग घ और ABCD से आगे बढ़ नही पाते।

          मैंने अपने विद्यालय पर इस समस्या का एक निदान निकाला और अप्लाई किया यह काफी सफल रहा,अतः आप सब से साझा कर रहा हूँ। विद्यालय में एक और दो के छात्रों की संख्या जोड़कर लगभग 60 बच्चे हैं, जहां इससे ज्यादा है वो किसी एक क्लास से इसे शुरू कर सकते हैं।
मैने 60 बच्चों के 60 लिए थ्री इन वन  कापियाँ खरीदी। थ्री इन वन कापियाँ मतलब हिंदी,गणित,अंग्रेजी तीनो एक ही कॉपी में।  शुरू के कुछ पन्ने हिंदी, फिर अंग्रेजी फ़िर गणित। इन कापियों पर आकर्षक बच्चों लायक सुंदर कवर चढ़ाया और सब पर नेम स्टिकर लगाकर बच्चों का नाम लिख दिया। चित्र में देखें ।
क्लास में प्रत्येक बच्चे की अधिगम क्षमता के अनुसार उसे हिंदी,अंग्रेजी,गणित ( या जो विषय आप पढ़ाते हैं)  में कक्षा का कार्य दिया। घंटी के बाद उसकी कॉपी जमा करा ली और उसके द्वारा घर से लाई गई कॉपी पर गृह कार्य दिया। इसके बाद विद्यालय में (या समय न मिले तो घर ले जाकर) छात्र का कक्षा कार्य  चेक कीजिये और अगले पन्ने पर अगले दिन का क्लास वर्क लिख दीजिये। कृपया ध्यान दें कि कॉपी पर अगले दिन की डेट न डालें। अगले दिन उन कापियों को(जिनमें आप पहले ही कक्षा कार्य लिख चुके हैं) बच्चे को बुलाकर,दिनांक डालकर बाट दें और पुरानी गलतियों(यदि हो तो) उसके बारे में सुधार करने को कहें। जो छात्र नही आया है उसकी कॉपी पर दिया कार्य अगले उपस्थिति वाले दिन उपयोग हो जाएगा। तत्पश्चात बाद पुनः वही प्रक्रिया दोहराएं कॉपी जमा करके गृहकार्य उसके द्वारा घर से लाई कॉपी पर दें।    इससे यदि बच्चा 15 दिन बाद भी सामने आएगा तो आप उसकी कक्षाकार्य की कॉपी देखकर जान जाएंगे कि वो कितना जानता है। और अगले कार्य उससे आगे का देंगे। बच्चा यदि यदि गृहकार्य की कॉपी गायब कर दे या कॉपी फट जाए फिर भी आपके पास उसके प्रत्येक विषय का डेटवाईज रिकार्ड रहेगा। वह कॉपी ही आपको उसकी उपस्थिति और कार्य करने की क्षमता के बारे में बता देगी। अभिभावक या अधिकारीगण आये तो आप प्रत्येक बच्चे का प्रत्येक विषय में स्तर,कमियाँ और सुधार तुरंत बता सकेंगे। और सबसे महत्त्वपूर्ण इसप्रकार बच्चे को ज्यादा जल्दी और आसानी से सिखाया जा सकेगा। 
       इस प्रकार के कॉपी की कीमत 10 रुपये से 25 रुपये तक है। सुझाव ये है कि 10 रुपये वाली कॉपी खरीदे जिससे यदि कापियाँ जांचने हेतु घर ले जानी पड़े तो वजन कम रहे और आप के बैग/बाईक आदि में आसानी से आ जाये।

धन्यवाद

आशुतोष नाथ तिवारी
शिक्षक सम्प्रेषण मंच
जनपद- देवरिया