परिषदीय विद्यालयों के प्राथमिक कक्षाओं (विशेषकर 1 और 2) में अध्यापको के सामने अलग अलग अधिगम स्तर के छात्रों को पढ़ाना पड़ता है। कोई बच्चा अभी पेंसिल पर सही से ग्रिप नही बना पाता तो कोई 1,2,3 तक लिख लेता है, कोई ABCD तो लिख लेता है मगर F के आगे नही लिख पाता। ऐसी स्थिति में मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि ब्लैकबोर्ड/व्हाइटबोर्ड की उपयोगिता सीमित रह जाती है क्योंकि यदि कक्षा में 30 छात्र हैं तो ब्लैकबोर्ड पर सबको एक साथ नही पढा सकते, जबकि सबका मानसिक और अधिगम का स्तर अभी अलग अलग है।
ऐसी स्थिति में अध्यापक से अपेक्षित है कि वो प्रत्येक बच्चे को प्रत्येक विषय में उसकी कॉपी पर उसके स्तर के अनुसार कक्षा कार्य और गृह कार्य दे। ऐसी स्थिति में परिषदीय विद्यालय के अध्यापक दो प्रमुख समस्याएं पाते हैं।
1- बच्चा 6 कार्यदिवस में तीन चार अलग अलग कापियां ले आता है। कभी नई ले आएगा, कभी फटी हुई कोई कॉपी,कभी अपने बड़े भाई बहन की कॉपी...
2- जो बच्चे नियमित नही आते( इसके कारणों पर विमर्श बाद में करेंगे) वो जब 5-7 दिन बाद अचानक स्कूल आते हैं तो उनकी कापियाँ वो नही होती जिसपर आप ने पढ़ाया है, वो अलग होती हैं जिससे अध्यापक को याद नही रहता की पिछली बार क्या पढ़ाया था और ऐसे बच्चे पूरे साल क ख ग घ और ABCD से आगे बढ़ नही पाते।
मैंने अपने विद्यालय पर इस समस्या का एक निदान निकाला और अप्लाई किया यह काफी सफल रहा,अतः आप सब से साझा कर रहा हूँ। विद्यालय में एक और दो के छात्रों की संख्या जोड़कर लगभग 60 बच्चे हैं, जहां इससे ज्यादा है वो किसी एक क्लास से इसे शुरू कर सकते हैं।
मैने 60 बच्चों के 60 लिए थ्री इन वन कापियाँ खरीदी।
थ्री इन वन कापियाँ मतलब हिंदी,गणित,अंग्रेजी तीनो एक ही कॉपी में। शुरू के कुछ पन्ने हिंदी, फिर अंग्रेजी फ़िर गणित। इन कापियों पर आकर्षक बच्चों लायक सुंदर कवर चढ़ाया और सब पर नेम स्टिकर लगाकर बच्चों का नाम लिख दिया।
चित्र में देखें ।
क्लास में प्रत्येक बच्चे की अधिगम क्षमता के अनुसार उसे हिंदी,अंग्रेजी,गणित ( या जो विषय आप पढ़ाते हैं) में कक्षा का कार्य दिया। घंटी के बाद उसकी कॉपी जमा करा ली और उसके द्वारा घर से लाई गई कॉपी पर गृह कार्य दिया। इसके बाद विद्यालय में (या समय न मिले तो घर ले जाकर) छात्र का कक्षा कार्य चेक कीजिये और अगले पन्ने पर अगले दिन का क्लास वर्क लिख दीजिये। कृपया ध्यान दें कि कॉपी पर अगले दिन की डेट न डालें। अगले दिन उन कापियों को(जिनमें आप पहले ही कक्षा कार्य लिख चुके हैं) बच्चे को बुलाकर,दिनांक डालकर बाट दें और पुरानी गलतियों(यदि हो तो) उसके बारे में सुधार करने को कहें। जो छात्र नही आया है उसकी कॉपी पर दिया कार्य अगले उपस्थिति वाले दिन उपयोग हो जाएगा। तत्पश्चात बाद पुनः वही प्रक्रिया दोहराएं कॉपी जमा करके गृहकार्य उसके द्वारा घर से लाई कॉपी पर दें। इससे यदि बच्चा 15 दिन बाद भी सामने आएगा तो आप उसकी कक्षाकार्य की कॉपी देखकर जान जाएंगे कि वो कितना जानता है। और अगले कार्य उससे आगे का देंगे। बच्चा यदि यदि गृहकार्य की कॉपी गायब कर दे या कॉपी फट जाए फिर भी आपके पास उसके प्रत्येक विषय का डेटवाईज रिकार्ड रहेगा। वह कॉपी ही आपको उसकी उपस्थिति और कार्य करने की क्षमता के बारे में बता देगी।
अभिभावक या अधिकारीगण आये तो आप प्रत्येक बच्चे का प्रत्येक विषय में स्तर,कमियाँ और सुधार तुरंत बता सकेंगे। और सबसे महत्त्वपूर्ण इसप्रकार बच्चे को ज्यादा जल्दी और आसानी से सिखाया जा सकेगा।
इस प्रकार के कॉपी की कीमत 10 रुपये से 25 रुपये तक है। सुझाव ये है कि 10 रुपये वाली कॉपी खरीदे जिससे यदि कापियाँ जांचने हेतु घर ले जानी पड़े तो वजन कम रहे और आप के बैग/बाईक आदि में आसानी से आ जाये।
धन्यवाद
आशुतोष नाथ तिवारी
शिक्षक सम्प्रेषण मंच
जनपद- देवरिया