1. प्रारंभिक सौर प्रणाली (4.6 अरब वर्ष पहले)
- सौर नेबुला: लगभग 4.6 अरब वर्ष पहले, हमारी सौर प्रणाली एक विशाल गैस और धूल के बादल, जिसे सौर नेबुला कहते हैं, से बनी थी। यह नेबुला मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम जैसी गैसों से भरा था।
2. गुरुत्वाकर्षण और धूल के कणों का संकुचन
-गुरुत्वाकर्षण: सौर नेबुला के बीच में गुरुत्वाकर्षण के कारण धूल और गैस एक दूसरे की ओर खिंचने लगे और नेबुला घना और गर्म होने लगा। इसके केंद्र में सूर्य बनने लगा।
छोटे कणों का मिलना: नेबुला में मौजूद छोटे-छोटे कण आपस में टकराने और चिपकने लगे। इस प्रक्रिया को "एक्रेशन" कहते हैं।
3. ग्रह निर्माण (प्रोटो-प्लानेटरी डिस्क)
प्रोटो-प्लानेट्स: समय के साथ, छोटे-छोटे कण मिलकर बड़े कण और फिर चट्टानी वस्तुएं बनीं। ये वस्तुएं धीरे-धीरे
बड़े आकार के प्रोटो-प्लानेट्स में बदल गईं।
पृथ्वी का निर्माण: इन्हीं प्रोटो-प्लानेट्स में से एक, जो हमारे सूर्य के चारों ओर घूम रहा था, वह समय के साथ आकार में बढ़ता गया और अंततः पृथ्वी का रूप धारण कर लिया।
4. गर्मी और पिघलाव
गर्मी: ग्रहों के बनने के समय बहुत सारी गर्मी उत्पन्न हुई। इस गर्मी के कारण पृथ्वी की सतह पिघल गई और लावा की तरह हो गई।
पृथ्वी की परतें: जब पृथ्वी ठंडी हुई, तब यह बाहरी कठोर परत (क्रस्ट), मध्य परत (मेंटल), और भीतरी गर्म केंद्र (कोर) में विभाजित हो गई।
5. वायुमंडल और जल का निर्माण
वायुमंडल का विकास: पृथ्वी की सतह से निकलने वाली गैसों ने मिलकर प्रारंभिक वायुमंडल का निर्माण किया। इनमें मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड, जलवाष्प, और अन्य गैसें थीं।
जल का आगमन: वैज्ञानिकों का मानना है कि धूमकेतु और उल्काओं के माध्यम से पृथ्वी पर जल आया। यह जल वायुमंडल में ठंडा होकर समुद्रों और नदियों के रूप में बस गया।
6. जीवन की शुरुआत
जीवन का आरंभ: जब पृथ्वी पर जल और स्थिर वायुमंडल बना, तब यहाँ जीवन की शुरुआत हुई। प्रारंभिक सूक्ष्मजीव (माइक्रोब्स) सबसे पहले विकसित हुए और समय के साथ, विभिन्न प्रकार के पौधे और जानवर पृथ्वी पर दिखाई दिए।
इस प्रकार, कई अरब वर्षों की प्रक्रियाओं और घटनाओं के परिणामस्वरूप पृथ्वी का निर्माण हुआ, जिस पर हम आज रहते हैं।
कैसे
हुआ पृथ्वी का निर्माण
चन्द्रग्रहण
क्या है और कितने प्रकार का होता है