Wednesday, 21 August 2024

सूर्यग्रहण क्या है और कितने प्रकार का होता है

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पूरी तरह या आंशिक रूप से नहीं पहुँच पाता। जब ऐसा होता है, तो पृथ्वी के कुछ हिस्सों में दिन के समय अंधेरा छा जाता है, और इसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है।


सूर्य ग्रहण के मुख्यतः तीन प्रकार होते हैं:

1. पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse):  

   इस प्रकार के ग्रहण में चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढक लेता है, जिससे सूर्य का पूरा हिस्सा दिखाई नहीं देता और आसमान में दिन के समय कुछ समय के लिए रात जैसा अंधेरा हो जाता है। यह केवल पृथ्वी के एक छोटे से हिस्से पर दिखाई देता है, जिसे 'ग्रहण की छाया' कहते हैं।

2. आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse):

 इसमें चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को ही ढकता है, जिससे सूर्य का एक हिस्सा दिखाई देता रहता है और बाकी हिस्सा चंद्रमा के पीछे छिपा होता है। इस ग्रहण के दौरान सूर्य एक कटा हुआ गोला जैसा दिखता है।

3. वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse): 

इस ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के केंद्र भाग को ढक लेता है, लेकिन उसकी किनारी (रिम) सूर्य के चारों ओर दिखाई देती है, जो एक आग के छल्ले (Ring of Fire) की तरह दिखता है। ऐसा तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी से थोड़ी दूर होता है और सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं पाता।

ये सभी प्रकार के सूर्य ग्रहण उस समय होते हैं जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं। पृथ्वी के विभिन्न हिस्सों में ये ग्रहण अलग-अलग तरह से दिखाई देते हैं।





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