थर्मोडाइनामिक्स के नियमों के हिसाब से ऊष्मा हमेशा अधिक तापमान से कम तापमान की ओर बहती है। जब
आप फ्रिज में बाहर की वस्तु रखते हैं तो उसका तापमान अधिक होता है। फ्रिज का कूलैंट यह गर्मी अवशोषित करके फ्रिज के बाहर छोड़ देता है। इस कूलैंट (एक तरह का द्रव्य) को कंप्रेस करने का काम, उसे फ्रिज में पाइपों द्वारा अंदर-बाहर घुमाने का काम कम्प्रेसर करता है।चूंकि यह कंप्रेसर बिजली से चलता है तो यह स्वयं भी गर्म हो जाता है और बाहर ही अपनी ऊर्जा उत्सर्जित करता है। फ्रिज में तापमान मापने वाले सेंसर्स भी होते हैं। अब अगर अंदर का तापमान बढ़ जाता है तो यह सेंसर्स सूचना भेजकर कम्प्रेसर को और काम करने का सिग्नल देते हैं। अब प्रश्न पर आते हैं। जब हम फ्रिज का दरवाजा खुला रखेंगे तो वे सेंसर्स जब तापमान मापेंगे तो वो काफी अधिक होगा क्योंकि अब कमरा भी फ्रिज के अंदर का एक भाग हो गया है। तो सेंसर कंप्रेसर को बताएगा कि अंदर गर्मी बहुत बढ़ गयी है, ज़्यादा तेज़ी से कूलैंट को चलाओ। इस कारण कंप्रेसर अधिक पावर लेगा और कूलैंट और कंप्रेसर दोनों मिलकर कमरे में ही पहले से अधिक गर्मी फेकेंगे। इसीलिए एसी में गर्मी फैंकने वाली यूनिट घर के बाहर ठंडी हवा गिराने वाली यूनिट कमरे में लगाई जाती है। इसका मतलब यह हुआ कि जो कंप्रेसर फ्रिज के भीतर का तापमान कम करता है, वही कमरे का तापमान बढ़ा देगा। एक ही मशीन एक तरफ तापमान कम करेगी दूसरी तरफ बढ़ाएगी। कोई भी मशीन 100 प्रतिशत आउटपुट नही दे सकती दुसरे शब्दों में कोई भी मशीन आदर्श नही हो सकती अतः कम्प्रेसर जितना गर्म होगा फ्रिज उससे थोड़ा कम ठंढा करेगा अर्थात गर्मी की मात्रा ज्यादा रहेगी. फ्रिज में में पहले से ही गर्मी है अत: दरारों से गर्म हवा आती रहेगी और इस तरह फ्रिज को खुला छोड़ देने पर धीरे-धीरे कमरे का तापमान बढ़ जाएगा।
कैसे
हुआ पृथ्वी का निर्माण
चन्द्रग्रहण
क्या है और कितने प्रकार का होता है
सूर्यग्रहण
क्या है और कितने प्रकार का होता है
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