Saturday, 3 June 2017

तालाब गणित

कक्षा एक/कलरव/पाठ तीन/तालाब गणित 

कक्षा एक कलरव का तीसरा अध्याय है तालाब गणित जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि यह अध्याय कुछ सामान्य प्रारंभिक गणितीय ज्ञान को बच्चों को समझाने में उपयोगी है साथ ही साथ इस अध्याय के माध्यम से अध्यापक अथवा अध्यापिका छात्रों को तालाब के बारे में बताएंगे। जिन अध्यापक/अध्यापिकाओं की ड्राइंग स्किल अच्छी है उन्हें चाहिए कि वह पाठ्य पुस्तक में दिए चित्र के अनुसार एक श्यामपट पर तालाब एवं उसके परिवेश का चित्र बनाएं अथवा यदि ड्राइंग चित्र बनाना संभव ना हो तो बच्चों को पाठ्यपुस्तक से चित्र के माध्यम से निम्न बिंदु पढ़ाएं..

● सबसे पहले बच्चे को कम और ज्यादा की गणितीय संकल्पना के बारे में चित्र के माध्यम से बताएं जैसा कि आप चित्र में देख सकते हैं तालाब के आसपास एवं तालाब में विभिन्न पक्षी एवं जानवर के अलग-अलग संख्या में है उनकी आपस में तुलना करा कि आप बच्चों को कम या ज्यादा की संकल्पना से परिचित करा सकते हैं
● दूसरे चरण में अध्यापक या अध्यापिका छात्रों को पानी में रहने वाले जमीन पर रहने वाले एवं पेड़ पौधों पर रहने वाले जानवरों तथा पक्षियों के नाम बता सकते हैं।
बच्चों को कुछ जानवरों एवं पक्षियों के नाम बता कर यह पूछा जा सकता है कि इसमें से कौन जमीन पर चलता है कौन जल में रहता है या कौन उड़ता है।
"● तालाब गणित पढ़ाने के तीसरे चरण में तालाब से होने वाले लाभ पर बच्चों से बातचीत अध्यापक करेंगे जैसे कि तालाब से हमें सिंचाई के लिए पानी मिलता है जानवरों के पीने के लिए पानी मिलता है आदि आदि।।
तालाब में क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए इसका ज्ञान करा सकते हैं जैसे की तालाब में स्वच्छ रखना चाहिए तालाब में कूड़ा करकट नहीं देखना चाहिए एवं बच्चों को तालाब से दूर रहना चाहिए अन्यथा डूबने का खतरा रहता है।
● जल की उपयोगिता के बारे में अध्यापक छात्रों को बताएंगे एवं तालाब के अलावा अन्य किन किन स्रोतों से जल प्राप्त हो सकता है इसका ज्ञान अध्यापक छात्रों को कराएंगे...
अध्यापक छात्रों को गृहकार्य के रूप में, उड़ने वाले एवं पानी में रहने वाले जानवरों के नाम याद करने के लिए कर सकते हैं। घर में पालतू जानवरों की संख्या गिनकर आने का गृहकार्य उसकी गणितीय क्षमता को बढ़ाएगा..

इस पाठ का क्लासरूम टीचिंग वीडियो जल्द ही उपलब्ध कराया जायेगा 

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भारत प्यारा

कक्षा एक/कलरव/पाठ एक/भारत प्यारा 

भारत प्यारा
देश हमारा।
हम उसके ही
नन्हे बच्चे।

कितने सच्चे
कितने अच्छे।
है सबसे ही
प्रेम हमारा।

भारत प्यारा
देश हमारा।
                                            लेखक : द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी 





अध्यापकों को बच्चों यह कविता पढ़ाते समय कविता को कंठस्थ कराने के बाद अर्थ बताना चाहिए...इसमें दो बिंदुओं का प्रमुख ध्यान रखना है
●पहला बिंदु यह है कि अध्यापक बच्चों को अपने देश का नाम विशेषताएं आदि बताएगा। भारत देश के बारे में बच्चों की मानसिक क्षमता के अनुरूप ज्ञान देगा और यह बताएगा कि कि हमारा भारत देश बहुत प्यारा है।
● कविता को पढ़ाते समय दूसरा बिंदु यह है की अध्यापक बच्चों को सच्चा बनने की प्रेरणा देगा एवं बच्चों को यह समझायेगा कि वह सबके साथ प्रेम से रहें..
●चुकी कविता प्राथमिक कक्षा के बच्चों को पढ़ाई जा रही है अतः अध्यापक/अध्यापिका इसका ध्यान देंगे की कविता पूरे हाव भाव के साथ प्रस्तुत की जाए जिससे कविता में बच्चों की रूचि बनी रहेगी और कविता बच्चों को जल्दी कंठस्थ होगी..
अर्थ: कविता का अर्थ लिखना आवश्यक नहीं है क्योंकि कविता सामान्य शब्दों में लिखी गई है..


क्लासरूम टीचिंग विडियो




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साभार:
आशुतोष नाथ तिवारी
प्राथमिक विद्यालय सोनबह
विकासखंड रुद्रपुर,जिला देवरिया
व्हाट्स ऐप संपर्क: 8604208968

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बाग़

कक्षा एक/कलरव/पाठ दो/बाग़ 


कक्षा एक के दूसरे पाठ का नाम है बाग। जिसका बोलचाल की भाषा में अर्थ बगीचे से है। इस पाठ में अध्यापक या अध्यापिका को बच्चों को बाग के चित्र का अवलोकन कराना होता है इस चित्र को आप पुस्तक के माध्यम से भी अवलोकित करा सकते हैं अथवा जिन अध्यापकों की ड्राइंग स्किल अच्छी हो,वो श्यामपट्ट पर एक बगीचे और उसके अवयवों का चित्र बना सकते हैं।इसके लिए वह पाठ्य पुस्तक का संदर्भ ले सकते हैं चित्र का स्क्रीनशॉट नीचे दिया गया है..


चित्र को दिखाकर अध्यापक बच्चों से निम्न प्रश्न पूछेंगे

● बच्चों आपमे से कितने लोगों ने बाग देखा है?
● बाग में आपने क्या-क्या देखा है?
● बाग में कौन-कौन से जानवर अथवा पक्षी आपको देखने को मिलते हैं
● जब बालक कुछ जानवरों और पक्षियों के नाम को बताता है तो आप जानवर और पक्षियों में अंतर बता सकते हैं । जानवर जैसे कुत्ता बिल्ली बैल भैंस गाय आदि जमीन पर रहते हैं और पक्षी जैसे तोता कौवा मोर कोयल गौरैया आज पेड़ पर रहती है। पुनः पक्षियों के पेड़ पर रहने के स्थान घोंसले के बारे में एवं घोंसले में पक्षियों के अंडे के बारे में आप बच्चों को बता सकते हैं।

● छात्रों को मधुमक्खी के बारे में बताया जा सकता है ।पेड़ पर मधुमक्खी के छत्ते के साथ साथ मधुमक्खी से मिलने वाले शहद के बारे में बता सकते हैं । बच्चों को इस बात से सावधान किया जा सकता है कि मधुमक्खी के छत्ते पर हुए हाथ ना डालें यह उनके लिए हानिकारक हो सकता है।
● बच्चों से दूर और पास से संबंधित प्रश्न पूछे एवं बताये जाएंगे, जैसे कि पेड़ के नीचे खड़े पर बच्चे को यह बताया जा सकता है कि, पेड़ के तने के पास बंधी हुई गाय नजदीक है एवं पेड़ की डालियों पर चिड़ियों द्वारा बनाया गया घोसला दूर है । इस
प्रकार बच्चे की नजदीक और दूर की अवधारणा को हम और अधिक स्पष्ट कर सकते हैं.

● बच्चे से ऊंचा और नीचा संबंधी प्रश्न पूछे जा सकते हैं जैसे कि पेड़ की डालियां ऊंची है एवं तना नीचे।

● बच्चे को छोटा और बड़ा की अवधारणा समझाई जा सकती है बगीचे में टहल रही गाय बड़ी है और बिल्ली छोटी। मोर बड़ा है ,गौरेया छोटी और मधुमक्खी बहुत छोटी।

● बच्चों से क्या प्रश्न पूछा जा सकता है कि वह अपने आस-पास क्या देखते हैं? बच्चों को पालतू पशु पक्षियों जैसे कुत्ता,बिल्ली, तोता,मुर्गा,गाय आज के बारे में अध्यापक बताएंगे।
● गांव में और क्या क्या देखने को मिलता है इसके बारे में अध्यापक छात्रों से प्रश्न करेंगे एवं वार्तालाप करेंगे। खेतों में कौन कौन से उपकरण उपयोग होते हैं, जैसे फावड़ा, ट्रैक्टर, हंसिया, बैलगाड़ी आदि, उसके बारे में छात्र से अध्यापक वार्ता करेंगे।
● बच्चों की बुद्धि लब्धि और मानसिक स्तर के अनुसार पक्षियों के एवं जानवरों के व्यवहार एवं लाभ आदि के बारे में बताया जा सकता है । जैसे की मधुमक्खी से शहद प्राप्त होता है और गाय से दूध।
ज्यादातर बच्चे ग्रामीण परिवेश के हैं अतः उन्हें इस पाठ को वास्तविक उदाहरण देकर समझाना ज्यादा उपयुक्त होगा। जैसे कि सभी बच्चों ने अपने यहां खेत-खलिहान बाग बगीचे देखे होंगे, अतः उन बच्चों को गृहकार्य के रूप में यह कहा जा सकता है कि वह आज अपने गांव के खलिहान या बगीचे में जाएंगे और उन्होंने वहां क्या-क्या देखा कल पुनः कक्षा में आ कर बताएंगे..

इस पाठ का क्लासरूम टीचिंग वीडियो जल्द ही उपलब्ध कराया जायेगा 

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