Thursday, 27 February 2025

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025: युवा शक्ति और वैज्ञानिक प्रगति का उत्सव

हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) के रूप में मनाया जाता है।

यह दिन महान भारतीय वैज्ञानिक डॉ. सी. वी. रमन द्वारा खोजे गए "रमन प्रभाव" (Raman Effect) की स्मृति में समर्पित है, जिसके लिए उन्हें 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। यह दिन भारतीय वैज्ञानिक डॉ. सी. वी. रमन (Dr. C. V. Raman) द्वारा खोजे गए "रमन प्रभाव" (Raman Effect) की घोषणा के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। विज्ञान दिवस का उद्देश्य विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाना, वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना और नवाचार को बढ़ावा देना है।

1928 में, डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमन ने एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोज की, जिसे "रमन प्रभाव" के नाम से जाना जाता है। इस खोज के लिए उन्हें 1930 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह भारत के लिए गौरव की बात थी क्योंकि वे पहले भारतीय वैज्ञानिक थे जिन्हें विज्ञान के क्षेत्र में यह सम्मान प्राप्त हुआ। इसी उपलब्धि की याद में राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने 1986 में 28 फरवरी को 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' घोषित किया।

इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 की थीम है: "वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व हेतु भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना" (Empowering Indian Youth for Global Leadership in Science & Innovation for Viksit Bharat)

इस थीम का मुख्य उद्देश्य युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करना, भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों को पहचान देना और वैश्विक विज्ञान एवं नवाचार में भारत की भूमिका को मजबूत करना है। "विकसित भारत" (Viksit Bharat) के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, यह थीम युवा पीढ़ी को विज्ञान और तकनीकी अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।

डॉ. सी. वी. रमन और उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियाँ

डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमन भारतीय विज्ञान जगत के महान वैज्ञानिक थे, जिन्होंने रमन प्रभाव की खोज की। इस प्रभाव के आधार पर स्पेक्ट्रोस्कोपी (Spectroscopy) की नई शाखा विकसित हुई, जो आज चिकित्सा, नैनोटेक्नोलॉजी, भौतिकी और खगोल विज्ञान में उपयोग की जाती है। इसके अलावा, उन्होंने ध्वनि तरंगों, प्रकाश के अपवर्तन और समुद्र के नीले रंग के वैज्ञानिक कारणों पर भी महत्वपूर्ण शोध किए।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का महत्व

1. युवाओं को विज्ञान और नवाचार के प्रति प्रेरित करना- यह दिवस छात्रों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को अनुसंधान और नवाचार की दिशा में प्रेरित करता है। युवाओं को वैश्विक वैज्ञानिक नेतृत्व के लिए तैयार करने की दिशा में कार्य किया जाता है।

2. भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों को उजागर करना-भारत के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की खोजों और नवाचारों को इस दिन विशेष रूप से सम्मानित किया जाता है।

3. नई वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना- देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई खोजों को प्रोत्साहित करने के लिए विज्ञान मेले, सेमिनार और व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं।

4. वैश्विक विज्ञान में भारत की भूमिका को मजबूत करना-यह दिन भारत को विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करने की दिशा में प्रेरित करता है।


राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 की थीम भारत के युवाओं को वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार करने पर केंद्रित है। यह दिन न केवल वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देता है, बल्कि "विकसित भारत" के लक्ष्य को भी मजबूत करता है। डॉ. सी. वी. रमन की खोजों और विज्ञान में भारत की उपलब्धियों से प्रेरणा लेकर हमें वैज्ञानिक जागरूकता, अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए।

Monday, 24 February 2025

माइक्रोसॉफ्ट वर्ड शार्ट कट की (MS Word Short-cut key)

MS Word के शॉर्टकट की


1. बेसिक शॉर्टकट कीज़ (Basic Shortcuts)

1. Ctrl + N – नया डॉक्यूमेंट बनाने के लिए

2. Ctrl + O – कोई डॉक्यूमेंट खोलने के लिए

3. Ctrl + S – डॉक्यूमेंट को सेव करने के लिए

4. Ctrl + P – डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए

5. Ctrl + Z – पिछले किए गए कार्य को Undo करने के लिए

6. Ctrl + Y – Redo करने के लिए (Undo हटाने के लिए)


2. टेक्स्ट फॉर्मेटिंग (Text Formatting)

7. Ctrl + B – टेक्स्ट को बोल्ड करने के लिए

8. Ctrl + I – टेक्स्ट को इटैलिक करने के लिए

9. Ctrl + U – टेक्स्ट को अंडरलाइन करने के लिए

10. Ctrl + Shift + W – केवल शब्दों को अंडरलाइन करने के लिए

11. Ctrl + Shift + D – डबल अंडरलाइन करने के लिए

12. Ctrl + Shift + K – टेक्स्ट को Small Caps में बदलने के लिए

13. Ctrl + Shift + A – सभी अक्षरों को Capital Letters में बदलने के लिए


3. एडिटिंग से जुड़ी शॉर्टकट कीज़ (Editing Shortcuts)

14. Ctrl + C – टेक्स्ट को कॉपी करने के लिए

15. Ctrl + X – टेक्स्ट को कट करने के लिए

16. Ctrl + V – कॉपी या कट किए गए टेक्स्ट को पेस्ट करने के लिए

17. Ctrl + A – पूरे डॉक्यूमेंट को Select All करने के लिए

18. Ctrl + F – किसी शब्द को डॉक्यूमेंट में खोजने के लिए

19. Ctrl + H – किसी शब्द को बदलने के लिए Find & Replace


4. पैराग्राफ फॉर्मेटिंग (Paragraph Formatting)

20. Ctrl + E – टेक्स्ट को Center Align करने के लिए

21. Ctrl + L – टेक्स्ट को Left Align करने के लिए

22. Ctrl + R – टेक्स्ट को Right Align करने के लिए

23. Ctrl + J – टेक्स्ट को Justify करने के लिए

24. Ctrl + M – पैराग्राफ को Increase Indent करने के लिए

25. Ctrl + Shift + M – पैराग्राफ को Decrease Indent करने के लिए

26. Ctrl + 1 – सिंगल लाइन स्पेसिंग के लिए

27. Ctrl + 2 – डबल लाइन स्पेसिंग के लिए

28. Ctrl + 5 – 1.5 लाइन स्पेसिंग के लिए


5. नेविगेशन (Navigation)

29. Ctrl + → – अगला शब्द जाने के लिए

30. Ctrl + ← – पिछला शब्द जाने के लिए

31. Ctrl + ↓ – अगले पैराग्राफ में जाने के लिए

32. Ctrl + ↑ – पिछले पैराग्राफ में जाने के लिए

33. Ctrl + Home – डॉक्यूमेंट की शुरुआत में जाने के लिए

34. Ctrl + End – डॉक्यूमेंट के अंत में जाने के लिए


6. टेबल से जुड़ी शॉर्टकट कीज़ (Table Shortcuts)

35. Tab – अगली सेल में जाने के लिए

36. Shift + Tab – पिछली सेल में जाने के लिए

37. Alt + Shift + ↑ – पंक्ति (Row) को ऊपर ले जाने के लिए

38. Alt + Shift + ↓ – पंक्ति (Row) को नीचे ले जाने के लिए


7. अन्य महत्वपूर्ण शॉर्टकट कीज़ (Other Useful Shortcuts)

39. Ctrl + Shift + C – टेक्स्ट की Formatting Copy करने के लिए

40. Ctrl + Shift + V – टेक्स्ट की Formatting Paste करने के लिए

41. Ctrl + Shift + N – Normal स्टाइल लागू करने के लिए

42. Ctrl + Shift + L – बुलेट पॉइंट लगाने के लिए

43. F7 – स्पेलिंग और ग्रामर चेक करने के लिए

44. Shift + F3 – टेक्स्ट को लोअरकेस, अपरकेस या टाइटल केस में बदलने के लिए


8. विंडो और डॉक्यूमेंट से जुड़ी शॉर्टकट कीज़ (Window & Document Shortcuts)

45. Ctrl + W – डॉक्यूमेंट को बंद करने के लिए

46. Ctrl + F4 – वर्तमान विंडो को बंद करने के लिए

47. Alt + F4 – MS Word को बंद करने के लिए


Sunday, 23 February 2025

धरती का अनोखा पारिस्थितिक चमत्कार: 53 वर्ष से बिना पानी के विकसित हो रहा डेविड लैटिमर का "बॉटल गार्डन"

प्रकृति हमेशा हमें चौंकाने और मोहित करने की क्षमता रखती है। कुछ लोग अपने नवाचार और अद्वितीय विचारों से प्रकृति के साथ विशेष संबंध बनाते हैं। ऐसा ही एक अद्भुत उदाहरण है डेविड लैटिमर का "बॉटल गार्डन"। यह एक ऐसा पौधा है, जो लगभग 60 वर्षों से एक बंद बोतल में पूरी तरह से आत्मनिर्भर तरीके से पनप रहा है।

डेविड लैटिमर: एक अनोखे प्रयोग की शुरुआत

डेविड लैटिमर, जो इंग्लैंड के रहने वाले थे, एक उत्साही बागवानी प्रेमी थे। उन्होंने 1960 में एक अनोखा प्रयोग करने की सोची। उन्होंने एक बड़ी काँच की बोतल ली, उसमें थोड़ी मिट्टी डाली और उसमें स्पाइडरवॉर्ट (Tradescantia) का एक पौधा लगाया और बोतल को कॉर्क और सिलिकॉन से कसकर सील कर दिया ताकि बाहरी दुनिया के साथ हवा या पोषक तत्वों का कोई आदान-प्रदान न हो। उनका लक्ष्य यह देखना था कि क्या पौधों और उनके सूक्ष्मजीवी परिवेश के बीच परस्पर निर्भर संबंध बाहरी इनपुट के बिना अनिश्चित काल तक पोषक तत्वों और गैसों का चक्रण कर सकते हैं।

65 वर्षों से बिना बाहरी हस्तक्षेप के जीवित

डेविड ने केवल एक बार, 1972 में, इस बोतल को खोला था और उसमें थोड़ा सा पानी डाला था। उसके बाद, यह पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन गया और बिना किसी देखभाल के विकसित होता रहा। यह प्रयोग यह दर्शाता है कि कैसे प्रकृति अपने संसाधनों का पुनर्चक्रण करके खुद को संतुलित रख सकती है।

कैसे काम करता है यह आत्मनिर्भर इकोसिस्टम?

डेविड का यह बॉटल गार्डन पूरी तरह से एक प्राकृतिक जैविक साइकिल पर आधारित है। सूर्य की रोशनी के कारण पौधे प्रकाश-संश्लेषण (Photosynthesis) करते हैं, जिससे ऑक्सीजन और नमी उत्पन्न होती है। यह नमी बोतल के अंदर संघनित होकर वापस मिट्टी में चली जाती है, जिससे पौधे को जल आपूर्ति मिलती रहती है। पत्तियों के झड़ने से जैविक अपशिष्ट मिट्टी में मिल जाता है और सूक्ष्मजीव इसे विघटित कर पोषक तत्वों में बदल देते हैं।बैक्टीरिया ने श्वसन के माध्यम से कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन को संतुलित करते हैं ।

लैटिमर का बोतल गार्डन ओहियो के सेनेकेवेल डिस्कवरी सेंटर में स्थायी रूप से प्रदर्शित है, जहाँ इसे लगभग 50 वर्षों की आत्मनिर्भरता के बाद 2008 में दान कर दिया गया था। आवर्धक कांच के नीचे, पर्यवेक्षक अभी भी जीवित पौधों की जड़ों को देख सकते हैं, जो संतुलित और जटिल लघु पारिस्थितिकी तंत्र की गवाही देते हैं जो अपने सीलबंद बोतल के खोल के अंदर छह दशकों से पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से पनप रहा है।