Saturday 18 February 2017

चंदामामा दूर के

चंदामामा दूर के,
पुए पकाएं गुड़ के
चंदामामा दूर के,
पुए पकाएं गुड़ के
आप खाएं थाली में,
मुन्ने को दें प्याली में
आप खाएं थाली में,
मुन्ने को दें प्याली में
चंदामामा दूर के,
पुए पकाएं गुड़ के
                              प्याली गई टूट मुन्ना गया रूठ                         


लाएंगे नई प्यालियाँ
बजा बजा के तालियाँ
लाएंगे नई प्यालियाँ
बजा बजा के तालियाँ
मुन्ने को मनाएंगे
हम दूध मलाई खाएंगे, चंदामामा
चंदामामा दूर के,
पुए पकाएं गुड़ के
आप खाएं थाली में,
मुन्ने को दें प्याली में
आप खाएं थाली में,
मुन्ने को दें प्याली में
उड़नखटोले बैठ के मुन्ना  चंदा के घर जाएगा
उड़नखटोले बैठ के मुन्ना  चंदा के घर जाएगा
तारों के संग आँख मिचौली
खेल के दिल बहलाएगा
तारों के संग आँख मिचौली
खेल के दिल बहलाएगा
ठुमक ठुमक मेरा मुन्ना
वापस घर को आएगा, चंदामामा
चंदामामा दूर के,
पुए पकाएं गुड़ के
चंदामामा दूर के,
पुए पकाएं गुड़ के
आप खाएं थाली में,
मुन्ने को दें प्याली में
आप खाएं थाली में,
मुन्ने को दें प्याली में
चंदामामा दूर के,
पुए पकाएं गुड़ के

बन्दर मामा पहन पैजामा



बन्दर मामा  पहन पैजामा 
दावत खाने आये। 
ढीला  कुरता , टोपी, जूता  
पहन बहुत इतराए। 
रसगुल्ले पर जी ललचाया,
 मुँह में रखा गप से। 
नरम नरम था, गरम गरम था,
जीभ जल गई लप से। 
बन्दर मामा रोते रोते 
वापस घर को आए। 
फेंकीं टोपी, फेंका जूता,
रोए और पछताए।


आलू कचालू


                        आलू कचालू 


            आलू कचालू बेटा कहाँ गए थे,
        
    बैंगन की टोकरी में सो रहे थे 
      
      बैंगन ने लात मारी रो रहे थे,
     
       मम्मी ने प्यार किया हंस रहे थे..