शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।
लीजिये हमको शरण में,
हम सदाचारी बनें,
ब्रह्मचारी धर्म-रक्षक वीर व्रत धारी
बनें ।
हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।
निंदा किसी की हम किसी से भूल कर भी न
करें,
ईर्ष्या कभी भी हम किसी से भूल कर भी
न करें ।
हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।
सत्य बोलें,
झूठ त्यागें, मेल आपस में करें,
दिव्या जीवन हो हमारा,
यश तेरा गाया करें ।
हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।
जाये हमारी आयु हे प्रभु लोक के उपकार
में,
हाथ डालें हम कभी न भूल कर अपकार में
।
हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।
कीजिए हम पर कृपा ऐसी हे परमात्मा,
मोह मद मत्सर रहित होवे हमारी आत्मा ।
हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।
प्रेम से हम गुरु जनों की नित्य ही
सेवा करें,
प्रेम से हम संस्कृति की नित्य ही
सेवा करें ।
हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।
योग विद्या ब्रह्म विद्या हो अधिक
प्यारी हमें,
ब्रह्म निष्ठा प्राप्त कर के सर्व
हितकारी बनें ।
हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।
हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे
कीजिए ।
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