Saturday, 21 January 2017

हे प्रभु आनंद दाता, ज्ञान हमको दीजिये


हे प्रभु आनंद दाता, ज्ञान हमको दीजिये
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिये
लीजिये हमको शरण में हम सदाचारी बनें
ब्रह्मचारी धर्मरक्षक वीर व्रतधारी बनें
हे प्रभु आनंद दाता....

निंदा किसीकी हम किसीसे भूल कर भी न करें
ईर्ष्या कभी भी हम किसीसे भूल कर भी न करें
हे प्रभु आनंद दाता..

सत्य बोलें झूठ त्यागें मेल आपस में करें
दिव्य जीवन हो हमारा यश तेरा गाया करें
हे प्रभु आनंद दाता...

जाये हमारी आयु हे प्रभु लोक के उपकार में
हाथ ड़ालें हम कभी न भूलकर अपकार में
हे प्रभु आनंद दाता...

मातृभूमि मातृसेवा हो अधिक प्यारी हमें
देश की सेवा करें निज देश हितकारी बनें
हे प्रभु आनंद दाता... 
कीजिये हम पर कृपा ऐसी हे परमात्मा ॐ
प्रेम से हम दुःखीजनों की नित्य सेवा करें
हे प्रभु आनंद दाता..

लीजिये हमको शरण में हम सदाचारी बनें
ब्रह्मचारी धर्मरक्षक वीर व्रतधारी बनें
हे प्रभु आनंद दाता....

निंदा किसीकी हम किसीसे भूल कर भी न करें
ईर्ष्या कभी भी हम किसीसे भूल कर भी न करें
हे प्रभु आनंद दाता...

सत्य बोलें झूठ त्यागें मेल आपस में करें
दिव्य जीवन हो हमारा यश तेरा गाया करें
हे प्रभु आनंद दाता...

जाये हमारी आयु हे प्रभु लोक के उपकार में
हाथ ड़ालें हम कभी न भूलकर अपकार में
हे प्रभु आनंद दाता.......

मातृभूमि मातृसेवा हो अधिक प्यारी हमें
देश की सेवा करें निज देश हितकारी बनें
हे प्रभु आनंद दाता...

कीजिये हम पर कृपा ऐसी हे परमात्मा ॐ
प्रेम से हम दुःखीजनों की नित्य सेवा करें
हे प्रभु आनंद दाता...

1 comment:

  1. देश की माटी, देश का जल
    हवा देश की,देश के फल
    सरस बने प्रभु,सरस बने।
    देश के घर और देश के घाट
    देश के वन और देश के बाट
    सरस बने प्रभु सरस बने
    देश के तन और देश के मन
    देश के घर के भाई-बहन
    विमल बने प्रभु, विमल बने।

    देश की इच्छा,देश की आशा
    काम देश के,देश की भाषा
    एक बने प्रभु, एक बने।

    देश की माटी,देश का जल
    हवा देश की,देश का फल
    सरस बने प्रभु,सरस बने।

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