वह शक्ति हमें दो दयानिधे,कर्तव्य मार्ग पर डट जावें
वह शक्ति हमें दो दयानिधे,
कर्तव्य मार्ग पर डट जावें | पर सेवा पर उपकार में हम, निज जीवन सफल बना जावें || हम दीन दुखी निबलों विकलों के सेवक बन सन्ताप हरें | जो हों भूले भटके बिछुड़े उनको तारें ख़ुद तर जावें || छल-द्वेष-दम्भ-पाखण्ड- झूठ, अन्याय से निशदिन दूर रहें | जीवन हो शुद्ध सरल अपना शुचि प्रेम सुधारस बरसावें || निज आन मान मर्यादा का प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे | जिस देश जाति में जन्म लिया बदान उसी पर हो जावें || वह शक्ति हमें दो दयानिधे, कर्तव्य मार्ग पर डट जावें |
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