Saturday, 21 January 2017

दया कर दान विद्या का हमे परमात्मा देना

दया कर दान विद्या का हमे परमात्मा देना,
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना ।

हमारे ध्यान में आओ, प्रभु आँखों में बस जाओ,
अँधेरे दिल में आकर के परम ज्योति जगा देना ।

बहा दो प्रेम की गंगा, दिलों में प्रेम का सागर,
हमे आपस में मिलजुल के प्रभु रहना सीखा देना ।

हमारा कर्म हो सेवा, हमारा धर्म हो सेवा,
सदा ईमान हो सेवा, वो सेवक चर बना देना ।

वतन के वास्ते जीना, वतन के वास्ते मरना,
वतन पे जा फ़िदा करना, प्रभु हमको सीखा देना ।

दया कर दान विद्या का हमे परमात्मा देना,
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना ।

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